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नियम: 100 किलो कचरा तो खुद करना होगा निस्तारित, हकीकत: 4 साल में 100 कम्पोस्ट मशीनें भी नहीं लगीं

locationजयपुरPublished: Aug 27, 2020 05:52:54 pm

Submitted by:

Kamlesh Sharma

स्वच्छ सर्वेक्षण में कचरा निस्तारण प्राथमिकता है, लेकिन निगम इसको अब तक अमलीजामा नहीं पहना पाया।

Waste disposal machine in jaipur

स्वच्छ सर्वेक्षण में कचरा निस्तारण प्राथमिकता है, लेकिन निगम इसको अब तक अमलीजामा नहीं पहना पाया।

जयपुर। स्वच्छ सर्वेक्षण में कचरा निस्तारण प्राथमिकता है, लेकिन निगम इसको अब तक अमलीजामा नहीं पहना पाया। राजधानी में निगम प्रशासन सख्ती से आदेश की पालना करवाता तो रोज 415 टन कचरा कम किया जा सकता था और और खाद भी बनती। इसके अलावा निगम को आर्थिक फायदा भी होता। दूसरी ओर इंदौर में देखें तो लोगों ने होम कम्पोस्ट खाद को बढ़ावा देना शुरू कर दिया है। वहां लोग उसी कचरे का बाहर फेंकते हैं, जिसकी खाद वे घर पर नहीं बना सकते।
जयपुर में नगर निगम की लापरवाही से इस योजना पर आदेश के चार साल बाद भी काम नहीं हो सका। पिछले साल स्वच्छ सर्वेक्षण के दौरान निगम की स्वास्थ्य शाखा ने 800 से अधिक होटल-रेस्टोरेंट को नोटिस दिए थे, लेकिन कार्रवाई एक पर भी नहीं हुई। खुद स्वास्थ्य शाखा के अधिकारियों का कहना है कि अब तक 100 से अधिक कम्पोस्ट खाद मशीनें शहर में लगी हैं, जबकि यह संख्या 1500 से अधिक होनी चाहिए।
पर्यावरण बिगड़ रहा, अभियंता चुप
नगर निगम में सहायक अभियंता पर्यावरण के तौर पर हर जोन में एक-एक अधिकारी हैं। इन लोगों की पर्यावरण को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी है, लेकिन अब तक इन अभियंताआ दूसरे काम में लगे हैं।
ऐसे समझें कचरा कम होने का गणित
400 से अधिक शहर में ऐसे अपार्टमेंट हैं, जिनमें औसतन 250 परिवार रहते हैं। इस लिहाज से इन बहुमंंजिला इमारतों में से रोज 220 टन कचरा निकलता है। इस कचरे को निगम ट्रांसफर स्टेशन तक निजी संसाधनों से पहुंचाता है।
300 से अधिक शहर में गेटबंद कॉलोनियां है। इनमें औसतन 200 परिवार रहते हैं। प्रतिदिन के हिसाब से 132 टन कचरा रोज निकलता है। इनमें से 80 फीसदी कॉलोनियों में तो निगम के हूपर ही जाते हैं और 20 फीसदी कॉलोनियों की विकास समितियां अपने स्तर पर कचरा उठाकर निगम के ट्रांसफर स्टेशन तक पहुंचाती हैं।
600 से अधिक होटल निगम की सूची में हैं। प्रति होटल 50 किलो कचरा निकलता है। ऐसे में प्रतिदिन 33 टन कचरा होटलों से निकलता है। बमुश्किल तीन टन कचरे का निस्तारण होटल अपने स्तर पर ही करते हैं।
(इनके अलावा कुछ स्कूलों ने भी कम्पोस्ट खाद मशीन लगा रखी है। वहीं अब तक मैरिज गार्डन ने कम्पोस्ट खाद मशीन नहीं लगाई गई हैं।)

कचरे से बनाएं खाद
कम्पोस्ट मशीन की कीमत 25 से दो लाख रुपए तक है। नियमित खाद बनाएं और इस खाद को पार्क के अलावा घरों में रखे गमलों में उपयोग करें। खाद को बाजार में बेच भी सकते हैं।
1,300 टन कचरा प्रतिदिन निकलता शहर भर से
15 से अधिक होटल भी बना रहे हैं कचरे से खाद
10 से अधिक स्कूलों में लगी है कम्पोस्ट खाद मशीनें
05प्रतिशत बहुमंजिला इमारतों में नहीं हो रहा कचरे का निस्तारण
01प्रतिशत गेट बंद कॉनोनियों में भी नहीं है निस्तारण की व्यवस्था
2.5 किलो प्रति परिवार प्रतिदिन का कचरा मानता है निगम
मैरिज गार्डन, गेट बंद कॉलोनियों पर हम कार्रवाई करने के लिए अधिकृत नहीं हैं। पर्यावरण अभियंता इसी काम के लिए हैं।
डॉ. आर.के. गर्ग, मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी

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