स्टेंडिंग आर्डर स्टैंडबाई,फिर आई रोबोट की याद जलदाय पानी टंकियों की सफाई फिर से रोबोट तकनीक से कराने के तैयार हो रहे हैं प्रस्ताव
जयपुर। गर्मी का मौसम शुरू हो गया है लेकिन अब तक जलदाय विभाग के अफसर नींद में हैं। शहर में पेयजल वितरण केंद्रों की पानी टंकियों की साफ सफाई को लेकर विभाग कीगंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि चार साल पहले जिस रोबोट तकनीक को महंगा बता कर ठंडे बस्ते में डाला गया अब फिर से उसी तकनीक के उपयोग को लेकर अफसर प्रस्ताव तैयार कर रहे हैं। नियमानुसार पंप हाउस में उच्च जलाशयों की वर्ष में एक बार और सीडब्लुआर व जीएलआर टंकी की सफाई साल में दो बार करने के निर्देश मुख्य अभिंयता मुख्यालय ने दे रखे हैं। गर्मी का सीजन शुरू होने से पहले पानी टंकियों के रखरखाव को लेकर विशेष इंतजाम होने चाहिए लेकिन अब तक नियमानुसार शहर में उच्च जलाशयों और सीडब्लुआर की सफाई को लेकर अब तक जलदाय अफसरों ने कोई कार्य योजना तक तैयार नहीं की है। मामले में जलदाय अफसरों ने मैन्युअली टंकियों की सफाई का
काम मुश्किल बताते हुए चार साल पहले उपयोग की गई रोबोट तकनीक का इस्तेमाल फिर से करने की बात कही है। वहीं दूसरी तरफ अब तक कितनी पानी टंकियों की सफाई नियमानुसार हुई है इसका फिलहाल जलदाय अभियंताओं के पास कोई स्पष्ट जवाब नहीं है। मालूम हो
जयपुर सिटी सर्कल में करीब 98 उच्च जलाशय व करीब सवा सौ सीडब्लुआर व चौकियां हैं। पानी टंकियों की सफाई को लेकर विभाग ने करीब चार साल पहले रोबोट तकनीक का उपयोग परीक्षण के तौर पर किया लेकिन तकनीक महंगी होने के कारण आगे टंकियों की सफाई का काम नियमित रूप से नहीं हो सका। एक बार फिर से विभाग रोबोटिक तकनीक के उपयोग को लेकर प्रस्ताव तैयार कर रहा है।
— इनका कहना है—— मैन्युअली पानी टंकियों की सफाई करना संभव नहीं है। रोबोटिक तकनीक थोड़ी महंगी है लेकिन शुद्ध जलापूर्ति में इसका उपयोग जरूरी हो गया है। रोबोट तकनीक को लेकर विभाग प्रस्ताव तैयार कर रहा है।
दिनेश कुमार सैनी,अतिरिक्त मुख्य अभियंता जयपुर रीजन द्वितीय