जयपुर

पानी व्यर्थ बहाया तो होगी तीन माह से एक साल की सजा, लगेगा भारी जुर्माना, सरकार ला रही है वाटर एक्ट

राजस्थान वाटर (कंजर्वेशन, प्रोटेक्शन एण्ड रेग्युलेशन) एक्ट: पानी बचाने के लिए सख्त कानून, कल दिल्ली में मंथन, 810 बांधों में 77.87 प्रतिशत पानी का हुआ भराव, सतही और भूजल को बचाने, उसकी सुरक्षा-संरक्षण के लिए सक्रिय हुए मंत्री

जयपुरAug 24, 2019 / 09:25 pm

pushpendra shekhawat

पानी व्यर्थ बहाया तो होगी तीन माह से एक साल की सजा, लगेगा भारी जुर्माना, सरकार ला रही है वाटर एक्ट

भवनेश गुप्ता / जयपुर। सतही और भूजल को बचाने, उसकी सुरक्षा-संरक्षण के लिए राजस्थान वाटर (कंजर्वेशन, प्रोटेक्शन एण्ड रेग्युलेशन) एक्ट के ड्राफ्ट पर जलदाय मंत्री ने नौकरशाहों से मंथन शुरू कर दिया है। दिल्ली में 26 अगस्त को होने वाली देश के जलदाय मंत्रियों की बैठक में भी ड्राफ्ट एक्ट से जुड़ी जानकारी दी जाएगी। बैठक के बाद एक्ट का स्वरूप फाइनल होगा। पानी का दुरुपयोग करने पर सजा-पेनल्टी के प्रावधान मजबूत बनाने पर ज्यादा फोकस है। अभी भूजल दोहन रोकने, उसके संरक्षण के लिए किसी तरह का कानून ही नहीं है। नीति आयोग की रिपोर्ट में भूजल को लेकर परेशानी करने वाले हालात सामने आ चुके हैं।
 

इसलिए फोकस, हालात चिंताजनक बने रहे
विषय विशेषज्ञों के मुताबिक राज्य में औसतन 1.5 लाख मिलियन क्यूबिक मीटर बारिश होती रही है। इसमें से 28 हजार मिलियन क्यूबिक मीटर पानी बेसिन में चला जाता है, जबकि 15 हजार मिलियन क्यूबिक मीटर पानी प्राकृतिक तरीके से रिचार्ज होते हैं। गंभीर यह है कि एक लाख मिलियन लीटर क्यूबिक मीटर पानी का कोई रिकॉर्ड का ही पता नहीं है। इसके अलावा 33 जिलों में से 26 जिले डार्क जोन में हैं। इसमें जयपुर के 13 ब्लॉक में से 12 डार्क जोन व एक क्रिटिकल श्रेणी में है।
 

प्रस्तावित एक्ट में जनता की जिम्मेदारी होगी तय

1. घरेलू उपभोक्ता: घर तक पेयजल पहुंचाने का जिम्मा होगा, लेकिन इसे व्यर्थ गंवाने, प्रावधान के तहत नहीं सहेजने और चोरी करने की स्थिति मिलने पर जिम्मेदारी तय होगी।

2. व्यावसायिक एवं उद्योग– इन्हें काम आने वाले पानी को दोबारा उपयोगी बनाने पर काम करना होगा। इसमें भी बड़े वाणिज्यिक व इण्डस्ट्रीज मामलों में जल बचाने से जुड़ी तकनीक में निवेश करना अनिवार्य होगा। यानि, पानी बचाना, सहेजने के लिए नई-नई तकनीक के जरिए आगे आना होगा।
 

यह किया पेनल्टी व सजा का प्रावधान

-3 माह से 1 साल तक सजा
-10 हजार रुपए से 1 लाख रुपए तक की पेनल्टी

-किसी तरह की पानी के दुरुपयोग, चोरी व अवैध दोहन करने पर यह प्रावधान किया गया है। इसमें बांध, कैनाल से लेकर पेयजल लाइन तक शामिल है।
 

फैक्ट फाइल
-810 बांध हैं छोटे-बड़े राज्य में

-296 बांध लबालब हो चुके हैं
-344 बांध आंशिक भरे हैं

-170 बांध खाली रह गए

 

810 बांधों में 77.87 प्रतिशत पानी का हुआ भराव…
राज्य में छोटे-बड़े मिलाकर 810 बांध हैं। इनकी भराव क्षमता 12703.27 एमक्यूएम है। अब तक 77.87 फीसदी तक पानी का भराव हो चुका है, जबकि पिछले वर्ष 50.76 प्रतिशत ही पानी आया था।

 
संभाग———कुल भराव क्षमता— 2018 में भराव— 2019 में भराव (अब तक)
जयपुर——— 2878.11 ————— 20.8 प्रतिशत ——— 63.9 प्रतिशत

जोधपुर —— 975.35 —————— 13.9 प्रतिशत ——— 45.1 प्रतिशत

कोटा ——— 1297.78 —————— 62.7 प्रतिशत ——— 90.4 प्रतिशत
उदयपुर —— 7552.02 —————— 64.9 प्रतिशत ——— 85.3 प्रतिशत
(कुल भराव क्षमता की इकाई एमक्यूएम है)

 

प्रभावी जल एक्ट के लिए काम चल रहा है। दिल्ली में जलदाय मंत्रियों की बैठक में इस पर भी मंथन होगा। इसके बाद तय करेंगे ड्राफ्ट को कैसे बेहतर बना सकते हैं। बारिश अच्छी हुई है, इसलिए अब इस पानी को सहेजने-संरक्षण पर काम होगा। किसी को भी दुरुपयोग नहीं करने देंगे।
-बी.डी. कल्ला, जलदाय मंत्री

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