इसलिए फोकस, हालात चिंताजनक बने रहे
विषय विशेषज्ञों के मुताबिक राज्य में औसतन 1.5 लाख मिलियन क्यूबिक मीटर बारिश होती रही है। इसमें से 28 हजार मिलियन क्यूबिक मीटर पानी बेसिन में चला जाता है, जबकि 15 हजार मिलियन क्यूबिक मीटर पानी प्राकृतिक तरीके से रिचार्ज होते हैं। गंभीर यह है कि एक लाख मिलियन लीटर क्यूबिक मीटर पानी का कोई रिकॉर्ड का ही पता नहीं है। इसके अलावा 33 जिलों में से 26 जिले डार्क जोन में हैं। इसमें जयपुर के 13 ब्लॉक में से 12 डार्क जोन व एक क्रिटिकल श्रेणी में है।
विषय विशेषज्ञों के मुताबिक राज्य में औसतन 1.5 लाख मिलियन क्यूबिक मीटर बारिश होती रही है। इसमें से 28 हजार मिलियन क्यूबिक मीटर पानी बेसिन में चला जाता है, जबकि 15 हजार मिलियन क्यूबिक मीटर पानी प्राकृतिक तरीके से रिचार्ज होते हैं। गंभीर यह है कि एक लाख मिलियन लीटर क्यूबिक मीटर पानी का कोई रिकॉर्ड का ही पता नहीं है। इसके अलावा 33 जिलों में से 26 जिले डार्क जोन में हैं। इसमें जयपुर के 13 ब्लॉक में से 12 डार्क जोन व एक क्रिटिकल श्रेणी में है।
प्रस्तावित एक्ट में जनता की जिम्मेदारी होगी तय 1. घरेलू उपभोक्ता: घर तक पेयजल पहुंचाने का जिम्मा होगा, लेकिन इसे व्यर्थ गंवाने, प्रावधान के तहत नहीं सहेजने और चोरी करने की स्थिति मिलने पर जिम्मेदारी तय होगी।
2. व्यावसायिक एवं उद्योग– इन्हें काम आने वाले पानी को दोबारा उपयोगी बनाने पर काम करना होगा। इसमें भी बड़े वाणिज्यिक व इण्डस्ट्रीज मामलों में जल बचाने से जुड़ी तकनीक में निवेश करना अनिवार्य होगा। यानि, पानी बचाना, सहेजने के लिए नई-नई तकनीक के जरिए आगे आना होगा।
यह किया पेनल्टी व सजा का प्रावधान -3 माह से 1 साल तक सजा
-10 हजार रुपए से 1 लाख रुपए तक की पेनल्टी -किसी तरह की पानी के दुरुपयोग, चोरी व अवैध दोहन करने पर यह प्रावधान किया गया है। इसमें बांध, कैनाल से लेकर पेयजल लाइन तक शामिल है।
-10 हजार रुपए से 1 लाख रुपए तक की पेनल्टी -किसी तरह की पानी के दुरुपयोग, चोरी व अवैध दोहन करने पर यह प्रावधान किया गया है। इसमें बांध, कैनाल से लेकर पेयजल लाइन तक शामिल है।
फैक्ट फाइल
-810 बांध हैं छोटे-बड़े राज्य में -296 बांध लबालब हो चुके हैं
-344 बांध आंशिक भरे हैं -170 बांध खाली रह गए 810 बांधों में 77.87 प्रतिशत पानी का हुआ भराव…
-810 बांध हैं छोटे-बड़े राज्य में -296 बांध लबालब हो चुके हैं
-344 बांध आंशिक भरे हैं -170 बांध खाली रह गए 810 बांधों में 77.87 प्रतिशत पानी का हुआ भराव…
राज्य में छोटे-बड़े मिलाकर 810 बांध हैं। इनकी भराव क्षमता 12703.27 एमक्यूएम है। अब तक 77.87 फीसदी तक पानी का भराव हो चुका है, जबकि पिछले वर्ष 50.76 प्रतिशत ही पानी आया था।
संभाग———कुल भराव क्षमता— 2018 में भराव— 2019 में भराव (अब तक)
जयपुर——— 2878.11 ————— 20.8 प्रतिशत ——— 63.9 प्रतिशत जोधपुर —— 975.35 —————— 13.9 प्रतिशत ——— 45.1 प्रतिशत कोटा ——— 1297.78 —————— 62.7 प्रतिशत ——— 90.4 प्रतिशत
जयपुर——— 2878.11 ————— 20.8 प्रतिशत ——— 63.9 प्रतिशत जोधपुर —— 975.35 —————— 13.9 प्रतिशत ——— 45.1 प्रतिशत कोटा ——— 1297.78 —————— 62.7 प्रतिशत ——— 90.4 प्रतिशत
उदयपुर —— 7552.02 —————— 64.9 प्रतिशत ——— 85.3 प्रतिशत
(कुल भराव क्षमता की इकाई एमक्यूएम है) प्रभावी जल एक्ट के लिए काम चल रहा है। दिल्ली में जलदाय मंत्रियों की बैठक में इस पर भी मंथन होगा। इसके बाद तय करेंगे ड्राफ्ट को कैसे बेहतर बना सकते हैं। बारिश अच्छी हुई है, इसलिए अब इस पानी को सहेजने-संरक्षण पर काम होगा। किसी को भी दुरुपयोग नहीं करने देंगे।
(कुल भराव क्षमता की इकाई एमक्यूएम है) प्रभावी जल एक्ट के लिए काम चल रहा है। दिल्ली में जलदाय मंत्रियों की बैठक में इस पर भी मंथन होगा। इसके बाद तय करेंगे ड्राफ्ट को कैसे बेहतर बना सकते हैं। बारिश अच्छी हुई है, इसलिए अब इस पानी को सहेजने-संरक्षण पर काम होगा। किसी को भी दुरुपयोग नहीं करने देंगे।
-बी.डी. कल्ला, जलदाय मंत्री