विभाग ने श्रेणीवार पेयजल व अन्य श्रेणी के उपभोक्ताओं के हिसाब से दरें बढ़ाने का विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया है। अब 23 अप्रेल को विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत इस प्रस्ताव पर अधिकारियों से चर्चा करेंगे। हालांकि अंतिम निर्णय सरकार करेगी। गौरतलब है कि वर्ष 2017 में विभाग ने आदेश जारी कर पानी की दरें हर साल 10 प्रतिशत तक बढ़ाने का प्रावधान किया था।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि पेयजल वितरण तंत्र बिछाने की लागत कई गुना बढ़ चुकी है। वित्तीय संसाधन कमजोर होने पर वितरण तंत्र की गुणवत्ता पर भी बुरा असर पड़ता है। अब पानी की दरें बढ़ाने के अलावा विकल्प नहीं है। बिजली दरें बिजली खरीद की दर के हिसाब से बढ़ाई जाती हैं, उसी तरह पानी की दरें भी बढऩी चाहिए।
घरेलू उपभोक्ता: अभी प्रति लीटर यह शुल्क
– 15 हजार लीटर तक: नि:शुल्क
– 15 हजार से 40 हजार लीटर तक: 4.40 पैसे
– 40 हजार लीटर से अधिक: 5.50 पैसे इस तरह समझें…
वर्तमान में प्रतिमाह 45 हजार लीटर तक पेयजल का उपभोग करने पर 350 से 400 रुपए तक का मासिक बिल भुगतान करना पड़ रहा है। नई दरें लागू होती हैं तो उपभोक्ताओं को 45 हजार लीटर की सीमा तक पेयजल उपभोग करने पर 500 रुपए तक का बिल भुगतान करना होगा। पानी की दरों में 100 रुपए तक की बढ़ोतरी हो सकती है।
बड़े आवासीय भवनों में
– 8 हजार किलो लीटर तक: 22 रुपए
– 8 हजार किलो लीटर से ज्यादा: 55 रुपए