Water Crisis in Rajasthan : राजस्थान में मानसून ( Monsoon in Rajasthan ) की दस्तक के बाद भी सावन सूखा बीत रहा है। राजधानी में तो बारिश ( Weak Monsoon in Rajasthan ) के लिए लोग तरस ही गए हैं। बारिश नहीं आने से पेयजल संकट ( Water Crisis ) भी गहरा सकता है। बीसलपुर बांध में बचा सिर्फ 2.24 टीएमसी पानी ( Bisalpur Dam Water Level ) है जो कुछ ही दिनों की प्यास बुझा सकता है।
जयपुर। राजस्थान में मानसून ( monsoon in Rajasthan ) की दस्तक के बाद भी सावन सूखा बीत रहा है। राजधानी में तो बारिश के लिए लोग तरस ही गए हैं। शहर में दूर-दूर तक बारिश के नाम पर एक बूंद भी नहीं है। ऐसे में बारिश नहीं आने से पेयजल संकट ( Water crisis ) भी गहरा सकता है। बीसलपुर बांध ( Bisalpur dam ) में बचा सिर्फ 2.24 टीएमसी पानी है जो कुछ ही दिनों की प्यास बुझा सकता है। अगर बारिश नहीं हुई तो लोगों को पानी के संकट से भी जूझना पड़ सकता है।
बीसलपुर बांध में अब सिर्फ चंद दिनों का ही पानी राजधानी जयपुर, अजमेर और टोंक शहर की लाइफलाइन माने जाने वाले बीसलपुर बांध में अब सिर्फ चंद दिनों का ही पानी बाकी बचा है। जलदाय विभाग की मानें तो बांध से अभी अगले एक महीने तक पानी की आपूर्ति हो सकती है। उसके बाद अगर बांध का जलस्तर बरसाती पानी से नहीं बढ़ा तो मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। इन शहरों में पेयजल संकट ओर गहरा सकता है।
जलदाय विभाग ( Water Resources Department ) के अतिरिक्त मुख्य अभियंता जयपुर द्वितीय क्षेत्र देवराज सोलंकी का कहना है कि बांध का मौजूदा जलस्तर 304.94 आरएल मीटर है। पानी में अभी 2.24 टीएमसी पानी बचा है। लेकिन बांध में 302.35 आरएल मीटर से नीचे के स्तर पर गहराई में मिट्टी और बालू हैं। जिसे सिल लेवल कहते हैं। इस तरह बांध में अभी करीब 1.44 टीएमसी पानी बचा है।
रूठा मानसून और बांध में लगातार गिर रहा जलस्तर बांध से अभी हर रोज करीब 0.027 टीएमसी पानी की आपूर्ति की जा रही है। इस हिसाब से बांध में अभी आराम से एक महीने का पानी होने का दावा जलदाय विभाग कर रहा है। हालांकि विभाग ने अभी तक रूठे मानसून ( weak monsoon ) और बांध में लगातार गिर रहे जलस्तर को देखते हुए जलदाय विभाग ने शहर के लिए कंटीजेंसी प्लान तैयार करने पर भी काम शुरू कर दिया है जिसके तहत नए ट्यूबवेल खुदवाने की योजना बनाई जा रही है।