Water Crisis in Jaipur : पेयजल समस्या का पुलिंदा लेकर पहुंचे भाजपाई, अफसरों ने पहले से ही कांग्रेसी कार्यकर्ता को बैठाए रखा, पुलिस अफसर ने निकाला बाहर
जयपुर में पानी पर राजनीति, भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने, रैली निकाली, मटके फोड़े
भवनेश गुप्ता / जयपुर। पानी की किल्लत ( water Crisis in Jaipur ) पर एक बार फिर राजनीति गरमा गई। सिविल लाइन्स विधानसभा क्षेत्र में दूसरी बार सोमवार को भाजपाईयों ने प्रदर्शन किया और जल भवन के सामने मटके फोड़ते रहे। यहां प्रदेश प्रदेश कार्यसमिति सदस्य दिनेश सैनी के नेतृत्व में कार्यकर्ता व लोग जलभवन पहुंचे और मुख्य अभियंता आई.डी. खान को समस्याग्रस्त इलाकों की सूची सौंपी।
इस बीच मुख्य अभियंता का ऑफिस राजनीति का केन्द्र भी बन गया। भाजपा कार्यकर्ताओं के आने से पहले ही यहां कांग्रेसी कार्यकर्ता को बैठाया हुआ था। जब सैनी व अन्य कार्यकर्ताओं ने मुख्य अभियंता को समस्या बतानी शुरू की तो बीच में ही कांग्रेसी कार्यकर्ता बोलने लगा। भाजपा और उस कांग्रेसी कार्यकर्ता के बीच बहस की स्थिति बनी, लेकिन कोई भी अफसर बीच में नहीं बोला। इस पर पुलिस की आला अफसर ने मामले को संभाला। उन्होंने बीच में बोल रहे कार्यकर्ता से पूछा, आप बीच में क्यों बोल रहे हैं, जब मुख्य अभियंता और ये (भाजपा कार्यकर्ता) बात कर रहे हैं।
इसके बाद भी बोलना जारी रहा तो महिला पुलिस अफसर बोलीं, आप कौन हैं, इस पर भाजपाईयों ने कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में परिचय बताया। यह सुन पुलिस अफसर ने तत्काल उसे बाहर निकालने के आदेश दिए। साथ ही विभागीय अफसरों से भी पूछा कि, इन्हें किसने यहां आने की अनुमति दी। इसके बाद करीब आधा घंटा क्षेत्र में पेयजल समस्या पर चर्चा हुई।
शक्ति प्रदर्शन तो नहीं.. इसी विधानसभा क्षेत्र में करीब एक माह में पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी ( Arun Chaturvedi ) व भाजपा अध्यक्ष मोहनलाल गुप्ता ( Mohan Lal Gupta ) रैली निकाल प्रदर्शन कर चुके हैं। अब सैनी ने कार्यकर्ताओं के साथ मोर्चा संभाला। ऐसे में चर्चा चलती रही कि यहां राजनीति के दो केन्द्र हो गए। निकाय चुनाव से पहले शक्ति प्रदर्शन से भी जोड़ा जाता रहा।
मटका फोड़ा, भरकर पानी पिलाते हो अच्छा होता जल भवन के सामने महिलाओं ने मटके फोड़े। यहां खड़े लोग व कुछ पुुलिसकर्मी बोलते रहे कि मटका फोडऩे की बजाय इसमें पानी भरकर रखते और जल सेवा करते तो और भी अच्छा होता। इस पर कार्यकर्ताओं ने जवाब दिया कि, पानी ही होता तो यहां क्यों आते। नहीं है इसीलिए मटके खाली हैं और फोडऩा पड़ रहा है।