प्रदेश में हल्की और मध्यम बारिश का दौर जारी
उधर, बारिश का दौर थमने से बारां में हालात सामान्य हो रहे हैं। मौसम विभाग का कहना है कि भारी बारिश का दौर थम गया है, लेकिन अगले चौबीस घंटे तक पूरे प्रदेश में कहीं-कहीं तेज बारिश का दौर जारी रहेगा। राजधानी जयपुर में आज सुबह से ही कई इलाकों में रिमझिम तो कहीं तेज बारिश का दौर जारी है। मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बीते चौबीस घंटे से पूर्वी राजस्थान में कम दवाब का क्षेत्र बना हुआ था, जो अब कमजोर हो गया है। अब पूरे प्रदेश में हल्की और मध्यम बारिश का दौर लगातार जारी है जो अगले चौबीस घंटे तक रहेगा। मौसम विभाग के अनुसार मानसून विदाई की अधिकृत घोषणा 15 सितंबर के बाद होगी।
उधर, बारिश का दौर थमने से बारां में हालात सामान्य हो रहे हैं। मौसम विभाग का कहना है कि भारी बारिश का दौर थम गया है, लेकिन अगले चौबीस घंटे तक पूरे प्रदेश में कहीं-कहीं तेज बारिश का दौर जारी रहेगा। राजधानी जयपुर में आज सुबह से ही कई इलाकों में रिमझिम तो कहीं तेज बारिश का दौर जारी है। मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बीते चौबीस घंटे से पूर्वी राजस्थान में कम दवाब का क्षेत्र बना हुआ था, जो अब कमजोर हो गया है। अब पूरे प्रदेश में हल्की और मध्यम बारिश का दौर लगातार जारी है जो अगले चौबीस घंटे तक रहेगा। मौसम विभाग के अनुसार मानसून विदाई की अधिकृत घोषणा 15 सितंबर के बाद होगी।
जयपुर में कभी रिमझिम तो कभी तेज बारिश का दौर
वहीं राजधानी जयपुर में भी बीते चौबीस घंटे से रिमझिम तो कभी तेज बारिश का दौर जारी है। आज सुबह से ही राजधानी में रिमझिम बारिश का दौर शुरू हो गया। लगातार रिमझिम के कारण शहर के कई इलाकों में जलभराव की स्थिति से लोगों को आने जाने में परेशानी हुई। मौसम विभाग का कहना है कि दोपहर बाद फिर तेज बारिश का दौर शुरू होने की संभावना है।
वहीं राजधानी जयपुर में भी बीते चौबीस घंटे से रिमझिम तो कभी तेज बारिश का दौर जारी है। आज सुबह से ही राजधानी में रिमझिम बारिश का दौर शुरू हो गया। लगातार रिमझिम के कारण शहर के कई इलाकों में जलभराव की स्थिति से लोगों को आने जाने में परेशानी हुई। मौसम विभाग का कहना है कि दोपहर बाद फिर तेज बारिश का दौर शुरू होने की संभावना है।
खेतों में 2-2 फीट भरा पानी
प्रदेश में कई स्थानों पर हुई बारिश लोगों के लिए आफत बन गई है। खेतों में पानी भरने से फसलें बर्बाद होने से किसान बेहाल है तो रास्ते दरिया बनने से आमजन परेशान है। कई जगह पुलिया क्षतिग्रस्त होने से आवागमन बाधित हो गया है। कोटा जिले में हुई अतिवृष्टि के कारण सैकड़ों बीघा सोयाबीन और उड़द की फसल चौपट हो गई है। बारिश के दूसरे दिन खेतों में दो-दो फीट पानी भर हुआ था। किसान खेतों की मेड पर बेबस बैठकर बर्बादी का मंजर देखने को विवश है। ज्यादा खराबा सुल्तानपुर और इटावा क्षेत्र में हुआ है। प्रारम्भिक जानकारी के मुताबिक 50 हजार बीघा फसल चौपट हो गई है।
प्रदेश में कई स्थानों पर हुई बारिश लोगों के लिए आफत बन गई है। खेतों में पानी भरने से फसलें बर्बाद होने से किसान बेहाल है तो रास्ते दरिया बनने से आमजन परेशान है। कई जगह पुलिया क्षतिग्रस्त होने से आवागमन बाधित हो गया है। कोटा जिले में हुई अतिवृष्टि के कारण सैकड़ों बीघा सोयाबीन और उड़द की फसल चौपट हो गई है। बारिश के दूसरे दिन खेतों में दो-दो फीट पानी भर हुआ था। किसान खेतों की मेड पर बेबस बैठकर बर्बादी का मंजर देखने को विवश है। ज्यादा खराबा सुल्तानपुर और इटावा क्षेत्र में हुआ है। प्रारम्भिक जानकारी के मुताबिक 50 हजार बीघा फसल चौपट हो गई है।
हाड़ौती में खेत देख बिलख रहे धरतीपुत्र
हाड़ौती में सावन माह में अच्छी बारिश होने से जिले के किसान प्रफुल्लित थे, लेकिन भादो में उनकी उम्मीदें बरसात में डूब गई। किसान खेतों पर पहुंचे तो बर्बादी का मंजर देख सिहर उठे। उड़द अब खेतों में सडऩे लगा है तो सोयाबीन, ज्वार व मक्का की फसलें भी गलने लगी हैं।
हाड़ौती में सावन माह में अच्छी बारिश होने से जिले के किसान प्रफुल्लित थे, लेकिन भादो में उनकी उम्मीदें बरसात में डूब गई। किसान खेतों पर पहुंचे तो बर्बादी का मंजर देख सिहर उठे। उड़द अब खेतों में सडऩे लगा है तो सोयाबीन, ज्वार व मक्का की फसलें भी गलने लगी हैं।