scriptकलक्टर की बला से डूब जाए कोई भी! बचाने नहीं आएगा प्रशासन | Water level : mawtha sarovar amer fort Jaipur heavy rain help no diver | Patrika News

कलक्टर की बला से डूब जाए कोई भी! बचाने नहीं आएगा प्रशासन

locationजयपुरPublished: Aug 04, 2019 05:37:14 pm

Submitted by:

Deepshikha Vashista

No Diver At Amer Mawtha Sarovar : आमेर मावठा में कोई डूबा तो नहीं मिलेगा बचाने वाला! सात साल से गोताखोरों की लगी थी ड्यूटी, आमेर महल प्रशासन की सिफारिश पर कलक्टर ने हटा दिए गोताखोर

Amer mawtha sarovar

कलक्टर की बला से डूब जाए कोई भी! बचाने नहीं आएगा प्रशासन

विजय शर्मा / जयपुर. आमेर के मावठे की ( Amer Fort Jaipur ) सैर करने जा रहे हैं तो सभंल कर रहना। क्यों कि जरा सी चूक हुई तो बचाने वाला कोई नहीं मिलेगा। कारण कि जिला कलक्टर जगरूप सिंह यादव ( Collector jagroop singh yadav ) ने पिछले सात साल से तैनात गोताखोरों को आमेर मावठे हटा दिया है। ऐसे में अब मावठे में कोई डूबता है तो उसे बचाने के लिए लोगों को कंट्रोल रूम को फोन करना होगा। यही नहीं गोताखोर के आने का इंतजार करना होगा।

दरअसल, अधीक्षक आमेर की ओर से आमेर विकास एवं प्रबंधन प्राधिकरण ( एडमा ) को पत्र लिखा था। पत्र के अनुसार आमेर में गोताखोरों को तैनात रखने की जरूरत नहीं होना बताया गया। मावठा झील और सागर के सूखने का हवाला देकर आमेर महल प्रशासन ने गोताखोरों को आमेर से हटाने की सिफारिश की थी। एडमा ने जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय को पत्र भेजा, इसके बाद जयपुर जिला प्रशासन ने मावठा झील पर तैनात छह गोताखोरों को हटा दिया। बता दें कि 20 मई 2013 को आमेर महल के नीचे मावठा सरोवर में पर्यटकों की सुरक्षा के लिए 6 गोताखोर-तैराक तीन पारियों में तैनात किए गए थे।
जान की परवाह नहीं मगर वेतन की चिंता

इधर नागरिक सुरक्षा के डिप्टी कंट्रोलर जगदीश प्रसाद रावत का कहना है की आमेर विकास एवं प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से मिले पत्र के बाद गोताखोरों को मावठे से हटा दिया गया है। यदि उनकी हमारी तरफ से ड्यूटी लगाई जाती तो उनकों वेतन कौन देगा। अभी तक आमेर विकास एवं प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से भुगतान दिया जा रहा था। मावठा में राउंड द क्लॉक ड्यूटी पर 6 गोताखोरों की तैनाती की गई।
क्यों है जरूरी

बता दें कि मावठा में जब पानी भरा रहता था, तब अक्सर लोग खुदकुशी की नियत से मावठा में छलांग लगा देते थे। कई लोगों की मावठे में पानी में डूबने से मौत हुई। गहरे पानी में डूबने से होने वाली मौत की घटनाओं को देखते हुए 6 गोताखोर लगाए गए थे। वहीं आमेर में पर्यटकों की संख्या रहती है, पर्यटक मावठा देखने के लिए भी जाते हैं। ऐसे में हादसे की आशंका रहती है।
इस संबंध में आमेर महल प्रशासन से बात कर रहे हैं। मावठे में गोताखोरों की जरूरत है। जल्द ही फिर से गोताखोरों को लगाएंगे।

जगरूप सिंह यादव, जिला कलक्टर जयपुर

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो