scriptइन उपायों से दूर होगी वॉटर रिटेंशन प्रॉब्लम | water retention problem | Patrika News

इन उपायों से दूर होगी वॉटर रिटेंशन प्रॉब्लम

locationजयपुरPublished: May 19, 2019 04:49:02 pm

Submitted by:

Archana Kumawat

नमक, शक्कर, बेकिंग पाउडर का कम से कम सेवन करें एवं डाइट में प्रोटीन युक्त चीजों को शामिल करें

नमक कम लें
न मक सोडियम और क्लोराइड से बना होता है। सोडियम शरीर में पानी का जमाव करने के साथ ही शरीर की आंतरिक और बाहरी कोशिकाओं में भी तरल पदार्थों को बैलेंस करने का काम करता है लेकिन अधिक मात्रा में नमक का सेवन वॉटर रिटेंशन की समस्या को बढ़ा सकता है। इसलिए नमक का प्रयोग कम करें।

मैग्नीशियम मिनरल
मै ग्नीशियम बहुत ही महत्त्वपूर्ण मिनरल होता है। यह बॉडी फंक्शन के लिए ३०० से भी ज्यादा एंजाइमेटिक रिएक्शन्स में शामिल होता है। इस तरह मैग्नीशियम की खुराक बढ़ाकर वॉटर रिटेंशन को कम किया जा सकता है। एक अध्ययन के अनुसार महिलाओं में पीएमएस के दौरान वॉटर रिटेंशन को दूर करने के लिए २०० एमजी मैग्नीशियम पर्याप्त है। एक अन्य अध्ययन के अनुसार पीएमएस से भी वॉटर रिटेंशन की समस्या होती है। मैग्नीशियम के लिए नट्स, सभी तरह के अनाज, डार्क चॉकलेट, हरी पत्तेदार सब्जियों आदि का सेवन अधिक मात्रा में किया जाना चाहिए। चिकित्सक की सलाह से मैग्नीशियम सप्लीमेंट भी ले सकते हैं।

विटामिन बी६ की खुराक बढ़ाएं
विटामिन बी६ लाल रक्त कणिकाओं का निर्माण करने के साथ ही और भी कई तरह की शारीरिक क्रियाओं में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वॉटर रिटेंशन की समस्या को दूर करने में विटामिन बी६ कारगर होता है। वॉटर रिटेंशन की समस्या होने पर डाइट में केला, आलू, अखरोट आदि का सेवन अधिक करें। इनके अलावा कुछ खास किस्म के आहार का सेवन करने से भी वॉटर रिटेंशन की समस्या से राहत मिलेगी जैसे सेब, अंगूर, स्ट्रॉबेरी, हरी पत्तेदार सब्जियां, अजमोद, चुकंदर और शतावरी आदि।

पोटेशियम से भरपूर फूड्स
पोटेशियम मिनरल भी कई शारीरिक क्रियाओं के लिए जरूरी होता है। यह शरीर को एक्टिव रहने के लिए इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल्स भेजता है। हार्ट हेल्थ के लिए भी पोटेशियम लाभकारी होता है। पोटेशियम शरीर में दो तरह से वॉटर रिटेंशन की समस्या को दूर करता है। एक तो सोडियम के लेवल को कम करके और दूसरा यूरिन प्रोडक्शन को बढ़ा कर। इस तरह शरीर में पानी का जमाव नहीं हो पाता है। ऐसे में पोटेशियम से भरपूर फूड्स जैसे केला, एवोकाडो, टमाटर आदि का अधिक मात्रा में सेवन किया जा सकता है। साथ ही फिजिकल मूवमेंट का भी ध्यान रखें।

डेंडेलियन ले सकते हैं
डेंडेलियन एक हर्ब है, जिसका प्रयोग प्राचीन समय से नेचुरल डाइयुरेटिक के रूप में होता रहा है। दरअसल, नेचुरल डाइयुरेटिक वॉटर रिटेंशन के लक्षणों को कम करने का काम करते हैं। एक अध्ययन के अनुसार डेंडेलियन की पत्तियों से तैयार एक्स्ट्रेक्ट का सेवन करने से यूरिन प्रोडक्शन बढ़ाया जा सकता है। इस तरह वॉटर रिटेंशन की समस्या को दूर किया जा सकता है। इसके अलावा विटामिन सी वाली चीजें जैसे संतरा, गाजर को नियमित रूप से खाने पर भी यूरिन प्रोडक्शन को बढ़ाया जा सकता है। इससे शरीर में पानी का स्तर कम होगा।

न लें रिफाइंड काब्र्स
रिफाइंड काब्र्स शरीर में ब्लड शुगर और इंसुलिन का स्तर बढ़ाने का काम करते हैं। इंसुलिन बढऩे से किडनी भी सोडियम का अवशोषण अधिक करने लगती है। इस तरह शरीर में फ्लूड की मात्रा बढऩे लगती है। इसलिए डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों का सेवन न करें। इनमें अधिक मात्रा में नमक, चीनी और अन्य हानिकारक पदार्थ होते हैं। इन्हें खाने से शरीर में नमक और पानी की मात्रा बढ़ जाती है। अगर पहले से वॉटर रिटेंशन की समस्या से परेशान हैं तो समस्या बढ़ सकती है। इसके अलावा एल्कोहल और धू्रमपान की वजह से भी वॉटर रिटेंशन की समस्या हो सकती है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो