पानी बचाने के लिए राज्य के सभी ग्राम पंचायतों का बनेगा Water Security Plan
जलशक्ति मंत्रालय के निर्देश के बाद राज्य सरकार हुई सक्रिय

जयपुर। राज्य में पहली बार सभी 9894 ग्राम पंचायतों का वाटर सिक्यूरिटी प्लान बनेगा। इस प्लान की पालना की जिम्मेदारी संबंधित जिला कलक्टर की होगी। इसमें पेयजल का सदुपयोग करने से लेकर उसके दोहरे उपयोग पर काम किया जाएगा। जल शक्ति मंत्रालय के निर्देश के बाद राज्य सरकार ने यह फैसला किया है। इसकी जिम्मेदारी जलदाय विभाग के वाटर एण्ड सेनिटेशन सपोर्ट आर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएसएसओ) को दी गई है और मॉनिटरिंग भी यहीं की जाएगी। जलदाय विभाग के प्रमुख शासन सचिव संदीप वर्मा ने बताया कि बताया कि सभी जिला कलक्टर, संरक्षण से संबंधित सभी विभागों के साथ ही ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग की भागीदारी सुनिश्चित करने निर्देश जारी कर दिए है।
इन विभागों की भागीदारी होगी तय...
-जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग
-जल संसाधन विभाग
-भूजल विभाग
-वाटरशेड डवलपमेंट एण्ड सॉयल कंजर्वेशन विभाग (ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अधीन)
-कृषि सिंचित क्षेत्रीय विकास एवं जल उपयोगिता विभाग
-इंदिरा गांधी नहर परियोजना विभाग
-वाटर एण्ड सेनिटेशन सपोर्ट आर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएसएसओ)
(इसके अलावा स्वायत्त शासन व नगरीय विकास विभाग के अधीन सीवर व एसटीपी के प्रोजेक्ट से जुड़ी शाखा भी हैं)
राजस्थान में यह है स्थिति
-1.5 लाख मिलियन क्यूबिक मीटर रेनफाल राज्य में
-28 हज़ार मिलियन क्यूबिक मीटर पानी बेसिन में जाता है
-15 हज़ार मिलियन क्यूबिक मीटर पानी प्राकृतिक तरीके से रिचार्ज होते हैं
-1 लाख मिलियन लीटर क्यूबिक मीटर पानी का कोई रिकॉर्ड का पता नहीं
(भूजल विभाग के अनुसार)
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