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जयपुर

कहां से लाएं जीएसटी रजिस्ट्रेशन—प्रदेश में प्लंबर भटक रहे हैं जलदाय विभाग में रजिस्ट्रेशन के लिए

रजिस्ट्रेशन के लिए फर्म तलाश रहे हैं प्लंबरविभाग फर्म के नाम से ही कर रहा है रजिस्ट्रेशनप्लंबर से विभाग मांग रहा है जीएसटी पंजीयन,बैंक स्टेटमेंट और पेन कार्ड नंबरसभी उपखंडों में महज पांच से आठ ही रजिस्टेशन हुए अभी तक

जयपुरSep 08, 2020 / 08:28 am

PUNEET SHARMA

Water supply will move one day further, water will not come in the cit

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जयपुर।
प्रदेश भर में अब रजिस्टर्ड प्लंबर के जरिए ही सभी तरह के पेयजल कनेक्शन होंगे। इसके लिए जलदाय विभाग ने प्लंबर के रजिस्ट्रेशन के लिए प्रारूप भी जारी कर दिया है। लेकिन इस प्रारूप ने प्लंबरों की परेशानी बढ़ा दी है। क्योंकि विभाग प्लंबर का व्यक्तिगत रजिस्ट्रेशन नहीं करके फर्म के माध्यम से आवेदन करने पर ही रजिस्ट्रेशन कर रहा है। इस स्थिति में प्लंबर रजिस्ट्रेशन के लिए फर्म तलाश रहे है और रजिस्ट्रेशन से पीछे भी हट रहे हैं।
जलदाय विभाग की ओर से जारी प्रारूप में रजिस्ट्रेशन के लिए जीएसटी पंजीयन प्रमाण पत्र , बैंक का वार्षिक वित्तीय स्टेटमेंट,आधार कार्ड, पेन नंबर समेत कई जानकारियां मांगी है। दिन भर इधर उधर नल कनेक्शन या लाइन रिपेयरिंग का छोटा मोटा काम करने वाले प्लंबर के लिए जीएसटी प्रमाण पत्र समेत अन्य दस्तावेज देना संभव नहीं है।
अब प्लंबर पहले फर्म तलाश करने के लिए अपना पसीना बहा रहे हैं और अगर फर्म मिल भी रही है तो उससे रजिस्ट्रेशन कराने के लिए मिन्नते भी कर रहे हैं। क्योंकि जो दस्तावेज विभाग मांग रहा है वे उपलब्ध कराना उनके बूते से बाहर हैैैैं।
इस तरह के दस्तावेज मांगे जाने पर अब प्लंबर रजिस्ट्रेशन से पीछे हट रहे हैं। स्थिति ऐसी है कि पूरे शहर भर के सभी उपखंडों में अभी तक 5 से 8 प्लंबर ने ही किसी तरह फर्म तलाश कर अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है। विभाग ने प्लंबर रजिस्ट्रेशन के लिए 10 हजार की धरोहर राशि और 1 हजार रुपए पंजीयन शुल्क तय किया है।
पहले तो जलदाय विभाग के अफसरों ने आवेदन का प्रारूप ही जारी नहीं किया। इसके बाद 1967 में रजिस्ट्रेशन के लिए तय हुआ प्रारूप जारी कर दिया। अब प्रारूप में सिर्फ फर्म के नाम से ही प्लंबर के रजिस्ट्रेशन की बाध्यता के प्रावधान पर अफसर चुप्पी साधे हुए हैं। उनका कहना है कि जो प्रारूप उच्च स्तर से दिया गया उसे ही जारी किया है।
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