जयपुर

जल जीवन मिशन: 7 हजार करोड़ के टेंडर को लेकर बीडी कल्ला और IAS राजेश यादव आमने-सामने

विभागीय टेंडरों को लेकर मंत्री और सचिवों के बीच विवाद और शीतयुदद चलने का सिलसिला नहीं थम रहा है।

जयपुरOct 01, 2020 / 09:01 am

PUNEET SHARMA

कोरोना के कहर के बीच पानी की मारामारी

जयपुर। विभागीय टेंडरों को लेकर मंत्री और सचिवों के बीच विवाद और शीतयुदद चलने का सिलसिला नहीं थम रहा है। ताजा मामला जलदाय विभाग के अधीन चल रहे जल जीवन मिशन के तहत 7 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के टेंडरों की प्रक्रिया से जुड़ा है। क्योंकि प्रक्रिया को लेकर घर घर सरकारी नल से पानी पहुंचाने के लिए होने वाली 7 हजार करोड से ज्यादा की टेंडर प्रक्रिया को लेकर जलदाय मंत्री बीडी कल्ला और प्रमुख सचिव राजेश यादव के बीच शीत युद्ध शुरू हो गया है। इस स्थिति में प्रदेश भर में कई महीनों से जल जीवन मिशन के तहत टेंडर प्रक्रिया पर लगी अघोषित रोक लगी हुई है। क्योंकि मंत्री अपनी तरह से टेंडर प्रक्रिया चाहते हैं तो प्रमुख सचिव अपनी तरह से। हांलाकि मंत्री और सचिव ने टेंडर प्रक्रिया को लेकर किसी तरह के मतभेदों को लेकर साफ तौर पर इंकार किया है।

यूं चल रहा है मंत्री सचिव के बीच शीत युद्ध
असल में वित्तीय वर्ष 20-21 में जल जीवन मिशन के तहत 7 हजार करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत है और 20 लाख पेयजल कनेक्शन होने हैं। विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों की माने तो जलदाय मंत्री बीडी कल्ला चाहते हैं कि टेंडर प्रक्रिया जिला स्तर पर की जाए। जिससे जिससे ज्यादा से ज्यादा कॉन्ट्रेक्टर की भागीदारी हो और मिशन की स्कीम्स भी जल्दी पूरी हों।

उधर विभाग के प्रमुख सचिव का मानना है कि अगर जिला स्तर पर टैंडर होते हैं तो 33 जिलों में टेंडर प्रक्रिया होगी। अगर रीजन के हिसाब से करते हैं तो केवल 11 रीजन के हिसाब से ही टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। अब टेंडर प्रकिया को लेकर चल रहे इसी शीतयुदद में जल जीवन मिशन के टेंडर नहीं लगे हैं और घर घर सरकारी नल से पानी पहुंचने की कवायद धीमी हो गई है।

रीजन के हिसाब से इतनी राशि के होने हैं टेंडर
अजमेर—289
भरतपुर—1043
बीकानेर—चूरू—979
जयपुर—। 668
जयपुर—अलवर—।।—675
जोधपुर—।—594
जोधुपुर—।।—637
कोटा—894
उदयपुर—1509
कुल—7 हजार 221 करोड़

पहले भी हो चुके हैं मंत्री और सचिव में विवाद
पर्यटन विभाग में लाइट एंड साउंड शो में हुए टैंडरों को लेकर पूर्व पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह और पर्यटन निगम एमडी में विवाद हो चुका है। विश्वेन्द्र सिंह के विरोध के बाद पर्यटन निगम के एमडी केबी पांडया को हटाया गया और टेंडर निरस्त किया गया।

वर्जन—मंत्री
टैंडर प्रकिया को लेकर अब कोई विवाद नहीं है। जहां बडे टैंडर की जरूरत होगी वहां बड़ा कर लेंगे और जहां छोटे की होगी वहां छोटा करेंगे। भारत सरकार की गाइड लाइन के अनुरूप ही काम होगा।
बीडी कल्ला— जलदाय मंत्री

वर्जन—प्रमुख सचिव
टेंडर प्रक्रिया को लेकर की विवाद की बात सही नहीं है। अभी प्रक्रिया पर विचार विमर्श ही चल रहा है। जिला स्तर पर टैंडर करते हैं तो बहुत सारे कॉन्ट्रेक्टर आते हैं और रीजन वाइज करने पर कम कम कॉन्ट्रेक्टर आते हैं।
राजेश यादव, प्रमुख सचिव जलदाय विभाग

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