जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के एसीएस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने जलदाय विभाग से जुड़ी मुख्यमंत्री की बजट घोषणाओं के कार्य की धीमी गति पर नाराजगी जताते हुए कार्य समय पर पूरे करने के अफसरों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिन कार्यों के वर्कऑर्डर हो चुके हैं, उनमें तेजी लाई जाए। एक दिन पहले ही डॉ. अग्रवाल ने मुख्यमंत्री की बजट घोषणाओं की प्रगति की समीक्षा की है। उन्होंन बजट घोषणाओं के प्रस्ताव तैयार करने में एक-एक वर्ष का समय लगने तथा डीपीआर तैयार करने में लगने वाले समय को लेकर नाराजगी भी जताई, साथ ही अफसरों को फटकार भी लगाई है।
अधिकारियों को फील्ड विजिट कर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश
उन्होंने कहा कि सितम्बर 2023 तक समस्त कार्य पूर्ण किए जाएं। बजट घोषणाओं की प्रगति एवं जल जीवन मिशन के कार्याें की प्रगति के बारे में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री के स्तर पर शीघ्र ही समीक्षा बैठक आयोजित की जाएगी। उन्होंने जिलों के प्रभारी मुख्य अभियंताओं एवं अतिरिक्त मुख्य अभियंताओं को फील्ड विजिट कर वहां हो रहे कार्यों की प्रगति की रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा।
उन्होंने कहा कि सितम्बर 2023 तक समस्त कार्य पूर्ण किए जाएं। बजट घोषणाओं की प्रगति एवं जल जीवन मिशन के कार्याें की प्रगति के बारे में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री के स्तर पर शीघ्र ही समीक्षा बैठक आयोजित की जाएगी। उन्होंने जिलों के प्रभारी मुख्य अभियंताओं एवं अतिरिक्त मुख्य अभियंताओं को फील्ड विजिट कर वहां हो रहे कार्यों की प्रगति की रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा।
बजट घोषणाएं सितंबर 2023 तक पूरी होगी
जलदाय मंत्री महेश जोशी ने कहा कि पेयजल को लेकर बजट में की गई घोषणाएं सितंबर 2023 तक पूरी होगी। इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए। मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए है कि पेयजल परियोजनाओं के कार्यों के वर्कऑर्डर टाइमलाइन के अंदर जारी किए जाएं। वहीं पेयजल कार्यों की डीपीआर तीन माह में तैयार करने के निर्देश दिए, इससे परियोजनाओं की लागत बढ़ाने पर अंकुश लगेगा।
जलदाय मंत्री महेश जोशी ने कहा कि पेयजल को लेकर बजट में की गई घोषणाएं सितंबर 2023 तक पूरी होगी। इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए। मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए है कि पेयजल परियोजनाओं के कार्यों के वर्कऑर्डर टाइमलाइन के अंदर जारी किए जाएं। वहीं पेयजल कार्यों की डीपीआर तीन माह में तैयार करने के निर्देश दिए, इससे परियोजनाओं की लागत बढ़ाने पर अंकुश लगेगा।