विभागीय योजनाओं को पूरा करने के प्रयास
डॉ. अग्रवाल बुधवार को सचिवालय में जलदाय विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ जल जीवन मिशन सहित विभिन्न परियोजनाओं पर चर्चा कर रहे थे। डॉ. अग्रवाल ने कहा कि राजस्थान में विषम भौगोलिक स्थितियों के साथ ही सतही पेयजल स्रोत और भूजल की कमी को देखते हुए हमें इस तरह की रणनीति बनानी होगी, जिससे प्रदेशवासियों की पेयजल की आवश्यकता पूरी की जा सके। इसके लिए विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने के साथ ही उन्हें समय पर पूरा कराने के प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि कोविड व रुस-यूक्रेन युद्ध के कारण उपजी परिस्थितियों में विभाग की ओर से संचालित विभिन्न परियोजनाओं के क्रियान्वयन में देरी को कवर करने के लिए अब योजनाबद्ध तरीके से कार्य जरूरी है। परियोजनाओं की लागत में वृद्धि को लेकर आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए सभी संभावित विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।
‘प्रो-एक्टिव' तरीके से कार्य करने के निर्देश
एसीएस डॉ. अग्रवाल ने विभाग के फील्ड में तैनात अधिकारियों को गर्मियों में पेयजल वितरण व्यवस्था के सुचारू संचालन के लिए ‘प्रो-एक्टिव' तरीके से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने बैठक में लम्बित मुद्दों के बारे में अधिकारियों से जानकारी ली और इस संबंध में आवश्यक निर्देश प्रदान किए। संयुक्त सचिव जलदाय एवं मिशन निदेशक जेजेएम प्रताप सिंह ने परियोजनाओं की जानकारी देते हुए प्रगति के बारे में बताया।