— जयपुर जिले की पेयजल व्यवस्था की समीक्षा बैठक
— एसीएस ने कहा, जब तक जनता सड़क पर नहीं उतरती तब तक नहीं देते ध्यान
जयपुर। पेयजल को लेकर फील्ड अधिकारी मुश्तैद नहीं है, इसे लेकर जलदाय विभाग (Water supply department) के एसीएस सुधांश पंत ने शनिवार को इंजीनियर्स की कायशैली पर नाराजगी जताते हुए जमकर फटकार लगाई। उन्होंने यहां तक कह दिया कि जब तक जनता सड़क पर नहीं उतरती, तब तक समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जाता है। फील्ड में इंजीनियर्स नहीं जा रहे, दिनभर एसी में बैठे रहते है। लोगों के फोन नहीं उठाते है। बीसलपुर पेयजल प्रोजेक्ट (Bisalpur Drinking Water Project) समय पर पूरे नहीं हो रहे।
— एसीएस ने कहा, जब तक जनता सड़क पर नहीं उतरती तब तक नहीं देते ध्यान
जयपुर। पेयजल को लेकर फील्ड अधिकारी मुश्तैद नहीं है, इसे लेकर जलदाय विभाग (Water supply department) के एसीएस सुधांश पंत ने शनिवार को इंजीनियर्स की कायशैली पर नाराजगी जताते हुए जमकर फटकार लगाई। उन्होंने यहां तक कह दिया कि जब तक जनता सड़क पर नहीं उतरती, तब तक समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जाता है। फील्ड में इंजीनियर्स नहीं जा रहे, दिनभर एसी में बैठे रहते है। लोगों के फोन नहीं उठाते है। बीसलपुर पेयजल प्रोजेक्ट (Bisalpur Drinking Water Project) समय पर पूरे नहीं हो रहे।
जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत ने जल भवन में जयपुर शहर और जिले की पेयजल व्यवस्था की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान एसीएस इंजीनियर्स की कार्यशैली से खुश नजर नहीं आए। खासकर प्रोजेक्ट समय पर पूरा नहीं होने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि इंजीनियर्स बार—बार समय सीमा बढ़ाकर तारीख ले आते हैं। अब अक्टूबर तक खोनागोरियान, जगतपुरा, जामडोली व आमेर बीसलपुर प्रोजेक्ट पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पेयजल समस्याओं के त्वरित गति से समाधान नहीं होने, फील्ड विजिट नहीं करने और आम जन के फोन नहीं उठाने को लेकर अधीक्षण अभियंता प्रोजेक्ट, ग्रामीण, दक्षिण व जयपुर शहर के उत्तर सर्किल में तैनात दो एक्सईएन को बैठक में ही फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि जनता की समस्याओं की सुनवाई कर समाधान सरकार की प्राथमिकता है। इंजिनियरों को अपने एयरकंडीशन कमरों को छोड फील्ड में जाना ही होगा। नहीं तो दूसरे जिलों में जाने की तैयारी कर लें।
बैठक में अधीक्षण अभियंता प्रोजेक्ट से पूछा, बार—बार प्रोजेक्ट पूरा होने की तारीख क्यों बदली जा रही है। इसका जवबा दीक्षित नहीं दे पाए। वहीं एसई ग्रामीण से आखिरी बार फील्ड में जाने की बात पूछी, एसई दक्षिण से सवाल किया कि लंच के नाम पर कहां गायब रहते है। वहीं एक्सईएन को भी फटकार लगाई।