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जयपुर

घर—घर नल कनेक्शन के सिर्फ 2259 कार्यों के ही टेंडर

जल जीवन मिशन (Jal Jivan Mission) के तहत प्रदेश के गांवों में घर—घर नल कनेक्शन (Door to door connection) देने की कवायद तेज कर दी है। जलदाय विभाग ने प्रदेश के 24 हजार से अधिक गांवों के 63 लाख घरों में नल कनेक्शन देने की स्वीकृति जारी की है, जिसमें से 3428 कार्यों की तकनीकी स्वीकृतियां और 2259 कार्यों के टेंडर जारी कर दिए है। वहीं मेजर प्रोजेक्ट्स में 1166 तकनीकी स्वीकृतियां भी जारी कर दी गई है।

जयपुरApr 22, 2021 / 10:20 pm

Girraj Sharma

घर—घर नल कनेक्शन के सिर्फ 2259 कार्यों के ही टेंडर

घर—घर नल कनेक्शन के सिर्फ 2259 कार्यों के ही टेंडर

घर—घर नल कनेक्शन के सिर्फ 2259 कार्यों के ही टेंडर
— जल जीवन मिशन
— अतिरिक्त मुख्य सचिव ने वीसी के माध्यम से की समीक्षा

जयपुर। जल जीवन मिशन (Jal Jivan Mission) के तहत प्रदेश के गांवों में घर—घर नल कनेक्शन (Door to door connection) देने की कवायद तेज कर दी है। जलदाय विभाग ने प्रदेश के 24 हजार से अधिक गांवों के 63 लाख घरों में नल कनेक्शन देने की स्वीकृति जारी की है, जिसमें से 3428 कार्यों की तकनीकी स्वीकृतियां और 2259 कार्यों के टेंडर जारी कर दिए है। वहीं मेजर प्रोजेक्ट्स में 1166 तकनीकी स्वीकृतियां भी जारी कर दी गई है।
जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधांश पंत ने गुरुवार को सचिवालय में वीसी के माध्यम से राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक ली। इसमें अधिकारियों को हर घर नल कनेक्शन से सम्बंधित बकाया कार्यों को तेज गति से पूरा करने के निर्देश दिए हैं। पंत ने निर्देश दिए की जल जीवन मिशन के तहत राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति (एसएलएससी) में जारी की गई प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृतियों के काम को आगे बढ़ाने के लिए वे अपने स्तर पर ठोस कार्रवाई करे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत शेष बची प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृतियों का कार्य एसएलएससी की अगली बैठकों में पूरा किया जाएगा। पंत ने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति (एसएलएससी) की अेार से अब तक जारी प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृतियों की तुलना में राजसमंद में 92 प्रतिशत, भीलवाड़ा में 88 प्रतिशत, बारां और चुरू में 86-86 प्रतिशत तथा कोटा में 81 तकनीकी स्वीकृतियां जारी की जा चुकी है। साथ ही उन्होंने सभी जिलों के अधीक्षण अभियंताओं तथा सभी रीजन के अतिरिक्त मुख्य अभियंताओं को निर्देश दिए कि वे अपने स्तर पर बकाया तकनीकी स्वीकृतियों के कार्यों को आगे बढ़ाएं।
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