जयपुर। अब गांवों में भी पेयजल के नमूनों की जांच (Drinking Water Samples Testing) होगी। ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति के सदस्य पानी की जांच करेंगे। इसके लिए इन्हें ‘कैमिकल फील्ड टेस्टिंग किट’ उपलब्ध कराई जाएगी, इसके लिए जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) सुधांश पंत ने बुधवार को अधिकारियों को निर्देश दिए है। विभाग का अब पेयजल गुणवत्ता जांच पर फोकस है। जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत प्रदेश के 43 हजार 362 गांवों में पानी के नमूनों की जांच के निर्देश दिए गए है। प्रदेश के 102 पंचायत समिति मुख्यालयों पर प्रयोगशालाएं बनाई जाएगी।
एसीएस सुधांश पंत ने बताया कि जेजेएम के तहत स्वीकृत ग्रामीण पेयजल परियोजनाओं के माध्यम से गांव-गांव और ढ़ाणियों में लोगों को स्वच्छ पेयजल मुहैया कराने के लिए पेयजल गुणवत्ता जांच पर पूरा फोकस कर रहा है। इसके लिए प्रदेश के 43 हजार 362 गांवों के स्तर पर ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति (वीडब्ल्यूएससी-विलेज वाटर एंड सेनिटेशन कमेटी) के सदस्यों को ‘कैमिकल फील्ड टेस्टिंग किट’ उपलब्ध कराई जाएगी। इसका उपयोग करते हुए जेजेएम में ‘हर घर नल कनेक्शन’ के माध्यम से पेयजल आपूर्ति में गुणवत्ता सुनिश्चित की जाएगी।
एसीएस ने बुधवार को राज्य स्तरीय क्रियान्वयन टीम के अधिकारियों की बैठक ली, जिसमें जेजेएम के तहत मेजर प्रोजेक्ट्स एवं रेग्यूलर विंग की सभी योजनाओं में पेयजल की गुणवत्ता जांच के पहलू पर भी पूरा ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने बैठक में प्रदेश में पेयजल गुणवत्ता जांच के लिए सभी जिला प्रयोगशालाओं के ‘एनएबीएल एक्रीडिशन’ तथा ब्लॉक स्तर पर प्रयोगशालाएं खोलने के कार्य की प्रगति की भी विस्तार से समीक्षा की।