पंत ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ‘टाइम ओवर रन’ प्रोजेक्ट्स में नए सिरे से निर्धारित टाइमलाइन में कार्यों को पूरा कराने के लिए व्यक्तिगत रूचि लें। बड़ी परियोजनाओं के माध्यम से लोगों को समय पर पेयजल उपलब्ध कराने के लिए अधिकारी और अधिक सक्रियता से ‘ओनरशिप’ लेकर जिम्मेदारी का निर्वहन करें। पंत ने कहा कि सरकार का मेजर प्रोजेक्ट्स के लम्बित कार्यों को जल्द से जल्द पूरा करने पर फोकस है। अधिकारियों की मॉनिटरिंग से कार्यों में अनावश्यक देरी को रोका जा सकता है। एसीएस ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी मेजर प्रोेजेक्ट्स में कार्य आरम्भ होने, पूर्णता की मूल तिथि, पुनर्निर्धारित तिथि और वर्तमान स्थिति के बारे में चार्ट तैयार करें, इसके आधार पर राज्य स्तर से प्रति माह बैठक में समीक्षा की जाएगी। एसीएस ने कहा कि सभी प्रोजेक्ट्स में अधिकारी ‘वाटर रिजर्वेशन’ के मुद्दे पर भी ध्यान दें। यदि किसी प्रोजेक्ट में जल आरक्षण को लेकर राज्य स्तर से किसी प्रकार के समन्वय की आवश्यकता हो तो प्रकरणवार प्रस्ताव तैयार कर भेजें, उनको आगामी दिनों में जल संसाधन विभाग के साथ आयोजित होने वाली राज्य स्तरीय समन्वय बैठक में रखा जाएगा।
काम में देरी तो होगी कार्रवाई
पंत ने प्रोजेक्ट विंग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रोजेक्ट्स के तहत कार्य कर रही फर्मों के काम में देरी पर नियमानुसार कार्रवाई करें। यदि किसी प्रोजेक्ट में कार्यकारी एजेंसी बार-बार रिवाईज्ड टाइमलाइन के भीतर भी कार्य पूर्ण नहीं कर पा रही है तो ऐसे प्रकरण पूरी जानकारी के साथ राज्य स्तर पर भेंजे।