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छह महीने देरी से मोबाइल वाटर टेस्टिंग लेबारेट्री जांचेगी पानी की गुणवत्ता

locationजयपुरPublished: Aug 22, 2018 11:53:16 am

Submitted by:

anand yadav

अगले सप्ताह प्रदेश के दस जिलों में प्रायोगिक तौर पर शुरू हो रही है पानी गुणवत्ता जांच

water supply

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जयपुर। प्रदेश के दस जिलों के ग्रामीण इलाकों में पेयजल गुणवत्ता जांच का काम अगले सप्ताह से शुरू हो रहा है। फिलहाल जलदाय विभाग पहले चरण में बीस से केवल दस जिलों में परीक्षण के तौर पर मोबाइल वाटर टेस्टिंग लेबोरेट्री तैनात कर रहा है। वहीं संभवतया अगले महीने से शेष दस जिलों में भी पेयजल गुणवत्ता जांच का काम मोबाइल वाटर टेस्टिंग लेबारेट्री वैन से शुरू होने की उम्मीद है।

गौरतलब है कि जलदाय विभाग ने बीते साल 30 करोड़ रुपए लागत से प्रदेश के बीस जिलों में वाटर टेस्टिंग लेबोरेट्री वैन तैनात करने के टेंडर जारी किए थे। निजी फर्म को विभाग द्वारा पानी के प्रति सैंपल जांच पेटे 748 रुपए का भुगतान करना तय किया गया। बीते मार्च में निजी फर्म को चिन्हित बीस जिलों के ग्रामीण इलाकों में पेयजल गुणवत्ता जांच का काम शुरू करना था लेकिन निजी फर्म की मनमानी के चलते मोबाइल वैन तैयार नहीं होने से काम शुरू नहीं हो सका।
बीते मंगलवार को निजी फर्म संचालकों और वाटर टेस्टिंग लेबोरेट्री अधिकारियों के बीच हुई बैठक में अगले सप्ताह से परीक्षण के तौर पर दस जिलों में मोबाइल वाटर टेस्टिंग लेबोरेट्री वैन से पानी सैंपलों की जांच का काम शुरू करने का निर्णय हुआ है। वहीं अगले महीने के मध्य तक पहले चरण में बचे शेष दस जिलों में भी पेयजल गुणवत्ता जांच का काम मोबाइल लैब से शुरू हो जाएगा।विभाग के अफसरों की मानें तो अभी परीक्षण के तौर पर चल प्रयोगशालाओं को फील्ड में भेजा जा रहा है वहीं कार्यों की समीक्षा के बाद मुख्यमंत्री द्वारा सभी बीस चल प्रयोगशालाओं को हरी झंडी दिखाने की कार्य योजना तैयार हो रही है।
स्टेट रेफरल सेंटर लेबोरेट्री के चीफ केमिस्ट राकेश माथुर के अनुसार प्रदेश के शेष 13 जिलों में भी मोबाइल वाटर टेस्टिंग लेबारेट्री तैनात करने की प्रक्रिया चल रही है। टेंडर प्रक्रिया अंतिम चरण में है और संभवतया अगले तीन महीने में शहर से लेकर गांवों तक में सप्लाई हो रहे पानी की गुणवत्ता जांच का काम मोबाइल टेस्टिंग लेबारेट्री से होने लगेगा।
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