38 लाख लीटर का गणित
63 कनेक्शन
8.5 लाख लीटर पानी
2,250 कनेक्शन
29.5 लाख लीटर पानी साबित हो सकती है नजीर
विषय विशेषज्ञों का मानना है कि पेयजल किल्लत के मौजूदा हालात और पेयजल सप्लाई के इस गेप को कम करने के लिए मंत्री चाहें तो आगे आ सकते हैं और उनका पेयजल सप्लाई समय कम करने का निर्णय जनता के लिए नजीर साबित हो सकता है। मामला मंत्रियों का है इसलिए जलदाय विभाग के अफसर सीधे तौर पर अधिकारिक बयान से कतरा रहे हैं।
63 कनेक्शन
8.5 लाख लीटर पानी
2,250 कनेक्शन
29.5 लाख लीटर पानी साबित हो सकती है नजीर
विषय विशेषज्ञों का मानना है कि पेयजल किल्लत के मौजूदा हालात और पेयजल सप्लाई के इस गेप को कम करने के लिए मंत्री चाहें तो आगे आ सकते हैं और उनका पेयजल सप्लाई समय कम करने का निर्णय जनता के लिए नजीर साबित हो सकता है। मामला मंत्रियों का है इसलिए जलदाय विभाग के अफसर सीधे तौर पर अधिकारिक बयान से कतरा रहे हैं।
नियम-प्रोटोकॉल नहीं पता
जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य अभिंयता देवराज सोलंकी का कहना है कि वर्ष 1967 में यहां टंकी बनाई गई थी। तब से 24 घंटे सप्लाई हो रही है। इसके लिए किसी नियम या प्रोटोकॉल की जानकारी नहीं है। हालांकि, शहर के अन्य इलाकों की तरह यहां सप्लाई समय घटाने पर चुप्पी साध ली। यहां अधिकतम 50 हजार लीटर प्रतिमाह पेयजल खपत का बिल सरकार चुकाती है।
जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य अभिंयता देवराज सोलंकी का कहना है कि वर्ष 1967 में यहां टंकी बनाई गई थी। तब से 24 घंटे सप्लाई हो रही है। इसके लिए किसी नियम या प्रोटोकॉल की जानकारी नहीं है। हालांकि, शहर के अन्य इलाकों की तरह यहां सप्लाई समय घटाने पर चुप्पी साध ली। यहां अधिकतम 50 हजार लीटर प्रतिमाह पेयजल खपत का बिल सरकार चुकाती है।
भूमिगत टैंक नहीं
यहां ज्यादातर बंगलों में भूमिगत टैंक नहीं हैं, इसलिए भूतल या छत पर रखी टंकी में सीधे पानी पहुंचता है। इसके लिए प्रेशर से पानी दिया जा रहा है। पिछले वर्ष अगस्त से कटौती के बीच लोग परेशान हैं। कई जगह लोगों को निजी टैंकर मंगवाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
यहां ज्यादातर बंगलों में भूमिगत टैंक नहीं हैं, इसलिए भूतल या छत पर रखी टंकी में सीधे पानी पहुंचता है। इसके लिए प्रेशर से पानी दिया जा रहा है। पिछले वर्ष अगस्त से कटौती के बीच लोग परेशान हैं। कई जगह लोगों को निजी टैंकर मंगवाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
यहां सप्लाई
मुख्यमंत्री आवास, राजभवन, मंत्रियों के बंगले, वार्ड 26 की श्रीरामपुरा कॉलोनी, जैकब रोड, मदरामपुरा, जय अम्बे नगर, शिवाजी नगर, केशव नगर, सूरज नगर पूर्व व पश्चिम, बरवाड़ा हाउस, मैसूर हाउस, अचरोल हाउस, एसबीआइ कॉलोनी, राजभवन रोड, हरी मार्ग, भगत वाटिका, वार्ड 58 में बाइस गोदाम कच्ची बस्ती, गली नं. 1 से 8, करतारपुरा इंडस्ट्रियल एरिया आदि।
मुख्यमंत्री आवास, राजभवन, मंत्रियों के बंगले, वार्ड 26 की श्रीरामपुरा कॉलोनी, जैकब रोड, मदरामपुरा, जय अम्बे नगर, शिवाजी नगर, केशव नगर, सूरज नगर पूर्व व पश्चिम, बरवाड़ा हाउस, मैसूर हाउस, अचरोल हाउस, एसबीआइ कॉलोनी, राजभवन रोड, हरी मार्ग, भगत वाटिका, वार्ड 58 में बाइस गोदाम कच्ची बस्ती, गली नं. 1 से 8, करतारपुरा इंडस्ट्रियल एरिया आदि।
मैं खुद जूझ रहा हूं
मैं खुद पेयजल किल्लत से जूझ रहा हूं और मेरे निजी निवास पर पानी का टैंकर मंगवा रहा हूं। सरकारी आवास पर चौबीस घंटे पेयजल सप्लाई की जरूरत नहीं है।
प्रताप सिंह खाचरियावास, परिवहन मंत्री
मैं खुद पेयजल किल्लत से जूझ रहा हूं और मेरे निजी निवास पर पानी का टैंकर मंगवा रहा हूं। सरकारी आवास पर चौबीस घंटे पेयजल सप्लाई की जरूरत नहीं है।
प्रताप सिंह खाचरियावास, परिवहन मंत्री
प्रोटोकॉल है
मंत्रियों के सरकारी बंगलों में वर्षों से ही प्रोटोकॉल के अनुसार चौबीस घंटे पेयजल सप्लाई की जा रही है। पेयजल समय कम करने का फिलहाल प्रस्ताव नहीं है।
देवराज सोलंकी, अतिरिक्त मुख्य अभियंता, जलदाय विभाग
मंत्रियों के सरकारी बंगलों में वर्षों से ही प्रोटोकॉल के अनुसार चौबीस घंटे पेयजल सप्लाई की जा रही है। पेयजल समय कम करने का फिलहाल प्रस्ताव नहीं है।
देवराज सोलंकी, अतिरिक्त मुख्य अभियंता, जलदाय विभाग
इनका कहना है
मैं राजस्थान का मुख्य अभियंता हूं, केवल जयपुर का नहीं। इस बारे में अतिरिक्त मुख्य अभियंता से बात करें, मुझसे नहीं।
आइडी खान, मुख्य अभियंता (शहरी), जलदाय विभाग
मैं राजस्थान का मुख्य अभियंता हूं, केवल जयपुर का नहीं। इस बारे में अतिरिक्त मुख्य अभियंता से बात करें, मुझसे नहीं।
आइडी खान, मुख्य अभियंता (शहरी), जलदाय विभाग