भीषण गर्मी और पेयजल की किल्लत की बीच भारतीय रेलवे ने कई इलाकों में लोगों की प्यास बुझाई है। भीषण तपिश और गर्मी के बीच उत्तर पश्चिम रेलवे ने 100 चक्कर लगाकर लोगों को 20 करोड़ लीटर पानी पहुंचाया है। राजस्थान के कई इलाकों के लिए किसी देवदूत बन गई है।
20 साल में 6 बार चली Water Train, अब आई यह खुशखबरी
भीषण गर्मी और पेयजल की किल्लत की बीच भारतीय रेलवे ने कई इलाकों में लोगों की प्यास बुझाई है। भीषण तपिश और गर्मी के बीच उत्तर पश्चिम रेलवे ने 100 चक्कर लगाकर लोगों को 20 करोड़ लीटर पानी पहुंचाया है। राजस्थान के कई इलाकों के लिए किसी देवदूत बन गई है।
पाली में पानी का स्तर बहुत नीचे चला गया है। इस इलाके को इस ट्रेन से बहुत ही फायदा हुआ है। उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी कैप्टन शशिकिरण के अनुसार रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव की पहल एवं प्रयास से पाली के लिए वाटर स्पेशल ट्रेन चलाई गई। यह समस्या जब तक जारी रहेगी ट्रेन चलती रहेगी।
45 डिग्री पारे ने पाली को किया प्यासा पश्चिम राजस्थान में 45 डिग्री से अधिक तापमान होने के कारण पानी की किल्लत अप्रैल माह से ही होने लग गई तथा इस तपती गर्मी में पानी की समस्या ने जनजीवन को बहुत अधिक प्रभावित किया है। मानसून का आगमन जून के अन्त में होता है। ऐसे में इस पूरे इलाके में जीव, जंतु और मानव के लिए पानी सबसे बड़ी समस्या है।
भगत की कोठी से हर दिन 120 लाख लीटर पानी उत्तर पश्चिम रेलवे भगत की कोठी से पाली 70 किलोमीटर दूरी के लिए वाटर स्पेशल ट्रेन के 2 रैक चला रहा है। इसके प्रतिदिन औसतन 3 फेरे हो रहे हैं तथा प्रत्येक फेरे में 20 लाख लीटर पानी का परिवहन किया जा रहा है। इसके लिए राज्य सरकार रेलवे को 3.24 लाख रुपए प्रति फेरा दे रही है।
40 वैगन में पानी पाली जिले में पेयजल की समस्या को दूर करने के लिये रेलवे ने अतिरिक्त प्रयास किये जिसमें वाटर स्पेशल ट्रेन के सुचारू संचालन के लिये रैक का अनुरक्षण व सफाई सम्बंधी कार्य कोटा वर्कशॉप में करवाया गया। भगत की कोठी स्टेशन पर हाईड्रेट की रिपेयर सम्बंधी कार्य पीएचईडी ने किया। इसके साथ ही पानी भरने की क्षमता को 34 वैगन से 40 वैगन तक बढ़ाया गया।
2005 में चली थी पाली के लिए पानी स्पेशल भगत की कोठी से पाली के लिये 4 बार वाटर स्पेशल ट्रेन का संचालन किया गया है। पाली जिले में पेयजल की समस्या उत्पन्न होने पर जोधपुर से पाली के लिये सर्वप्रथम 2005 में वाटर स्पेशल ट्रेन का संचालन किया गया था। 2022 में अब तक रेलवे द्वारा पाली के लिए लगभग 20 करोड लीटर पेयजल परिवहन किया गया है। 27 मई को इस ट्रेन की 100 वीं ट्रिप का संचालन किया गया।