कटारिया ने कहा कि कलेक्टरों के पास कमेटियों के काम बहुत होते हैं, वे मीटिंगों में भी नहीं जा पाते हैं, इसलिए विकास के काम के लिए बड़े जिलों में दो कलेक्टर लगाए, जिससे एक कलेक्टर केवल विकास कार्य देख सकें। से लेकर पटवारी तक के कार्यों का मूल्यांकन कराने की निर्णय नहीं होने
विधानसभा में सभापति राजेन्द्र पारीक ने कहा कि इस व्यवस्था को सुधारने के लिए अधिकारियों को मॉटिवेशनल ट्रेनिंग दी जाए, उनकी अकाउंटेबिलिटी तय की जाए। सदन का हर सदस्य इस पीड़ा से गुजरा है या गुजरेगा, व्यवस्था में सुधार के लिए एन्श्योर करें