इस मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि करीब बीस साल पहले जब मैं मुख्यमंत्री था तब उस समय आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की तकलीफों को समझते हुए हमारी सरकार ने इस वर्ग के लिए 14 प्रतिशत आरक्षण की पहल की थी।
इस बार भी हमारी ही सरकार ने राज्य की सेवाओं और शैक्षिक संस्थाओं में ईडब्ल्यूएस आरक्षण में आ रही अडचनों को दूर कर आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है। पूरे देश में राजस्थान ही ऐसा राज्य है जिसने यह कदम उठाया है। युवाओं को इसका बड़ा फायदा मिलेगा।
गहलोत ने कहा कि अब केन्द्र सरकार को भी केन्द्र की नौकरियों तथा शिक्षण संस्थाओं से इन बाधाओं को हटाने के लिए राज्य सरकार के इस फैसले का अनुसरण करना चाहिए। इस संबंध में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह भी किया है।
देश के आर्थिक हालात हम सबके लिए चिंता का विषय
गहलोत ने कहा कि आज देश के आर्थिक हालात किसी से छिपे नहीं हैं। जीएसटी के कम होते रेवेन्यू कलेक्शन की मार राज्यों के आर्थिक हितों पर भी पड़ रही है। रोजगार मिलना तो दूर नौकरियां जा रही हैं। मंदी के कारण ऑटोमोबाइल कंपनियों को अपना उत्पादन कम करना पड़ा है।
इस साल राज्य को केन्द्रीय करों से मिलने वाली हिस्सा राशि तथा केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं से मिलने वाले अनुदान में करीब 7 हजार 300 करोड़ रूपए कम मिलने की संभावना है। ऐसे हालात हम सबके लिए चिंता का विषय होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हर परिस्थिति में प्रदेशवासियों के साथ खड़ी है। सभी वर्गों के लिए कल्याणकारी फैसले लिए जा रहे हैं। उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए इस साल हमने 50 नए कॉलेज खोलने जैसा बड़ा निर्णय किया है। किसानों के लिए खाद-बीज की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। इस मौके पर कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया, राजस्व मंत्री हरीश चैधरी, उप मुख्य सचेतक महेन्द्र चौधरी, राज्य बीज निगम के पूर्व अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ भी उपस्थित थे।