शनिवार को सेना प्रमुख बिपिन रावत जयपुर आए थे। यहां मिलिट्री एरिया में 61 कैवेलरी में हाइफा शहर के आजादी के 100 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित कार्यक्रम में आए थे। इस दौरान कैवेलरी के घुडसवारों ने उन्हें परेड की सलामी दी। रावत ने जवानों को संबोधित किया और हाइफा की लड़ाई में भारतीय सेना के शौर्य के बारे में बताया। कार्यक्रम के दौरान सेना प्रमुख मीडिया से भी रूबरू हुए और विभिन्न विषयों पर अपनी बात रखी। विभिन्न सवालों पर सेना प्रमुख के जवाब-
आधूनिक हथियार
हमें आधुनिक हथियार लगातार चाहिए। हरेक हथियार की सीमा होती है। उसे कब तक उपयोग में लिया जा सकता है। जैसे-जैसे नई तकनीक आती है तो हम चाहते हैं कि हमारी सेना में भी शामिल हो। हथियार की खरीदारी लगातार चलती रहती है। राफेल के बारे में बात नहीं करना चाहूंगा। मैं नहीं मानता कि ऐसे विवाद से हमारा मनोबल गिर जाता है। आधुनिक हथियार सेना की जरूरत है। रॉबो टेक्नोलॉजी भारतीय सेना व अन्य सेनाओं में कब शामिल करेंगे इस पर तेजी से विचार कर रहे हैं। अभी आईडी के खिलाफ इस्तमाल करने लगे हैं। अन्य जगहों पर भी करेंगे।
सरप्राइज और डिसेप्शन
सेना जो कार्रवाई करने जा रही है, उसकी जो भी प्लानिंग होती है वो बताई नहीं जाती। पहले जानकारी नहीं दे सकते हैं, ऐसे में दुश्मन सतर्क हो सकता है। सरप्राइज और डिसेप्शन बहुत जरूरी होता है।
सरकार का पूरा सहयोग
पॉलिटिकल ईश्यूज पर टिप्पणी नहीं करूंगा। इतना कहना चाहूंगा कि हमारे को पूरी तरह से सहयोग मिल रहा है, काफी हद तक छूट दी जा रही है। जिसका नतीजा पूर्वोत्तर व कश्मीर में काफी हद तक सफलता मिली है। अभी कार्रवाई और करनी है, जिस तरह से कट्टरता, सोशल मीडिया कैम्पेन बाहर से चलाया जा रहा है, इसको नकराने के लिए हमें भी कार्रवाई करनी पड़ेगी।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिली कामयाबी
भारत जिस तरह से पाकिस्तान के ऊपर पर हावी हुआ है, यह ऐसे ही नहीं हुआ है, कुछ कार्रवाई तो हो ही रही होगी। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसको अलग-थलग किया जा रहा है, सरकार इस में काफी हद तक कामयाब है।
यह खास, पहले नहीं हुई
धमकी से डरने वाला नहीं है भारत देश और भारत की फौज। गीदड़ धमिकयों से कोई डरता नहीं है, जरूरत भी नहीं। हमें कार्रवाई करनी है, कोई धमकी देता है तो उसपर टिप्पणी नहीं करनी है।
सर्जिकल स्ट्राइक अपने ही तरीके से अलग किस्म की थी। यह आसान काम नहीं है। इसमें टास्क को पूरा करना है। यह भी यकीन करना होता है कि अपनी तरफ से कोई कैजुएलटी नहीं हो। बहुत तैयारी करनी पड़ती है। जो शामिल होते हैं उनमें बहुत बड़ा दिल और गुर्दा होता है। यह कार्रवाई खास है, ऐसी पहले नहीं हुई।
हम पर रखे भरोसा
अपनी फौज पर भरोसा रखें, आपकी फौज बहुत सक्षम है। सरहद पर जो जवान तैनात रहता है, उनकी हिम्मत और हौसला बढ़ाने में आगे रहे। सुखी रहे, सरहद पर हम सब तैनात है। हम आपकी देखभाल करते रहेंगे और सरहद की सुरक्षा हमारे जिम्मे छोड़ दीजिए।