मौसम विशेषज्ञों के अनुसार फिलहाल प्रदेश में सक्रिय चक्रवाती तंत्र प्रदेश के उत्तर पूर्वी इलाकों की ओर बढ़ रहा है। जिसके चलते अगले 24 घंटे में अलवर, भरतपुर, धौलपुर, झुंझुनू, करौली, सवाई माधोपुर, सीकर और टोंक में 40 से 50 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति से धूलभरी हवाएं चलने और मेघगर्जन के साथ बारिश होने का अंदेशा है। वहीं झालावाड़ के अकलेरा में आज सुबह करीब साढ़े 5 बजे तेज हवाओं के साथ बारिश हुई और ओले गिरे। तेज अंधड़ आंधी तूफान ने विद्युत तंत्र की पोल खोल कर रख दी।
खानपुर क्षेत्र में आये तेज अंधड़ से बाघेर बर्डग्वालिया जीएसएस जुड़े करीब 30 गांवों में मंगलवार शाम 4 बजे से ठप हुई विद्युत आपूर्ति बुधवार तडक़े 10 बजे तक बहाल नहीं हो पाने से करीब 18 घण्टे आपूर्ति बंद पड़ी है। विद्युत आपूर्ति बंद होने से जन-जीवन पूरी तरह प्रभावित हो चुका है।
गंगापुरसिटी शहर में मंगलवार को अंधड़ आफत बनकर आया। तेज अंधड़ से कई जगह टिन-छप्पर उड़ गए। तेज अंधड़ से कई जगह बिजली के तार भी टूट गए। इससे शहर देर शाम तक अंधेरे में डूबा रहा। रीको एरिया क्षेत्र में मालियों की ढाणी स्थित एक मकान के तीन कमरों की टिन उड़ गईं। ऐसे में परिवार के पास सिर ढंकने को भी छत नहीं बची। मालियों की ढाणी निवासी पप्पू मीना के मकान में बने तीन कमरों पर डले टिनशैड़ उड़ गए। ऐसे में परिवार के पास सिर छिपाने को भी छत नहीं बची। मीना ने बताया कि तेज हवा के साथ टिन उडकऱ बगल में टूटकर गिर गईं। इनमें से एक कमरे में परचून की दुकान थी। इसके बाद आई बारिश से घर तथा दुकान में रखा सामान भीगकर खराब हो गया। साथ ही कमरों के सामने बरामदे में पड़ी टिन भी टूट गई। ऐसे में परिवार के सदस्य बाहर बैठे रहे। अंधड़ से करीब 25 से 30 हजार रुपए का नुकसान हो गया। रीको क्षेत्र में ही एक चाय के खोखे के ऊपर रखा छप्पर तेज आंधी में उड़ गया।
बीते 24 घंटे में उदयपुर में सर्वाधिक एक इंच पानी बरसा वहीं कोटा, भीलवाड़ा में भी तेज बारिश हुई। राजधानी में बीती शाम दोपहर बाद छाए धूल के गुबार से सूर्यास्त से पहले ही अंधेरा छा गया। करीब 50 किलोमीटर की रफ्तार से आए अंधड़ से शहर में पेड़ धराशाही हो गए। वहीं अंधड़ से शहर में मानो जनजीवन ठहर सा गया। अंधड़ के बाद शुरू हुआ बारिश का दौर देररात तक चला और रात के तापमान में आई गिरावट के कारण घरों में एयर कंडीशनर,कूलर का उपयोग थमने पर बिजली खपत में भी गिरावट आई। हालांकि अंधड़ और बारिश के कारण विद्युत वितरण तंत्र को भारी नुकसान पहुंचा। शहर के कई इलाकों में देररात तक बिजली गुल रही।