पर्यटन स्थल माउंट आबू में दोपहर बाद आसमान से आफत गिरी। बिजली की गर्जना के बीच बारिश के साथ ही ओलावृष्टि से बर्फ की चादर से नजारा देखने लायक रहा। खेतों में खड़ी फसलों व पशुपालकों की ओर से एकत्रित किए सूखे चारे का नुकसान हुआ। मौसम केंद्र के मुताबिक लगभग 30 मिनट में 25 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। वहीं न्यूनतम तापमान छह डिग्री सेल्सियस दर्ज किया। रेगिस्तानी जिलेे जैसलमेर में छोटे आकार के ओले गिरे। बीकानेर, चूरू में भी कुछ जगहों पर ओलावृष्टि हुई।
अन्नदाता से लेकर बेजुबानों को हुई परेशानी
बेमौसम की इस बारिश और ओले गिरने से राज्य के कई हिस्सों में गेंहू, चना, सरसों की फसलों गिली होकर खराब हो गई। इससे अन्नदाता परेशान नजर आए। कोटा जिले के सांगोद क्षेत्र आधे घंटे तक बारिश से खेतों में फसलों को नुकसान पहुंचा। धूलेट व अन्य गांवों में चने के आकार के ओले गिरे। बारां जिले में बारां, अंता, सीसवाली, शाहबाद, पलायथा, गऊघाट, शेरगढ़ में भी आधा घंटे तक बारिश हुई। बूंदी जिले के नमाना, बरुन्धन, बरड़ मेंबारिश हुई। खटकड़ क्षेत्र के अजेता गांव में बैर के आकार के ओले गिरे। जालौर में एक घर पर बिजली गिरने से दीवार क्षतिग्रस्त होने से पास में रखा टीवी जल गया। रानीवाड़ा क्षेत्र में एक गांव में ऊंट पर बिजली गिरने से उसकी मौत हो गई। झालावाड़, धौलपुर, बाड़मेर, भीलवाड़ा, डूंगरपुर, बीकानेर, सीकर, टोंक, जैसलमेर, अलवर, दौसा, अजमेर, पाली, जालौर, राजसमंद में भी इंद्रदेव ने राहत की बूंदों से सूर्यदेव की तपिश को कम किया।
फिर पश्चिमी विक्षोभ
मौसम विभाग ने इस बार राज्य में मार्च की शुरूआत जो तेज गर्मी पड़ने और बारिश कम होने की भविष्यवाणी की थी, उन भविष्यवाणी को इस बार बारिश ने फेल कर दिया। पिछले चार दिन के अंदर राज्य में कुछ जगहों पर बारिश हुई। जबकि मार्च में पूरे माह के दौरान करीब चार एमएम औसत बारिश होती है। गुरुवार से प्रदेश में आगामी चार से पांच दिन मौसम शुष्क रहने के आसार हैं। वहीं तापमान में दो से चार डिग्री तक की बढ़ोतरी से सूर्यदेव के तेवर हावी होंगे। इसके बाद 13 मार्च से फिर से नया पश्चिमी विक्षोभ राज्य में सक्रिय होने से मौसम में बदलाव की संभावना है।