यह है जयपुर का हाल नवंबर के अंत तक शास्त्रीनगर, पुलिस कमिश्नरेट, आदर्श नगर, अजमेरी गेट सहित अन्य रेंजों में प्रदूषण का स्तर 250 वायु गुणवत्ता सूचकांक के पार था। वर्तमान में यह औसत स्तर ज्यादा सही नहीं होता हुआ दिख रहा। वर्तमान समय में शनिवार को औसत प्रदूषण का जयपुर का स्तर 150 के आस-पास दर्ज किया जा रहा है। शुक्रवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक अधिकतम सभी रेंजों में 120 से 130 के आस-पास दर्ज किया गया, जो कि सामान्य से अब 40 प्रतिशत तक अधिक है।
बेहद खतरनाक श्रेणी में वायु प्रदूषण का स्तर दर्ज
प्रदेश के अन्य जगहों पर अब भी वायु प्रदूषण का आंकड़ा दिल्ली एनसीआर के बराबर दर्ज किया जा रहा है। कड़ाके की सर्दी में औद्योगिक नगरी भिवाड़ी में उद्योग से निकलने वाले धुएं और अपशिष्ट के जलाने से यहां बीते 20 दिन में वायु प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक श्रेणी में दर्ज किया जा रहा है। अधिकतम प्रदूषण का स्तर यहां 300 एक्यूआई तो वहीं औसत प्रदूषण का स्तर 215 के आस-पास दर्ज किया जा रहा है। वहीं जोधपुर की बात की जाए तो यहां प्रदूषण का स्तर 119 के आस-पास दर्ज किया जा रहा है। वहीं उदयपुर की आबोहवा जहां हमेशा सबसे स्वच्छ रहती थी, वहीं अब यहां की आबोहवा भी खराब हो रही है। यहां प्रदूषण का स्तर अधिकतम स्तर 321, वहीं औसतन स्तर 165 एक्यूआई के बीच दर्ज किया गया। पाली का औसत प्रदूषण का स्तर दिसंबर में सबसे कम 80 एक्यूआई के आस-पास देखने को मिल रहा है। कोटा में अधिकतम प्रदूषण का स्तर 250 से 300 एक्यूआई तो वहीं औसत प्रदूषण का स्तर बीते 24 घंटे में 150 के आस-पास दर्ज किया जा रहा है।
प्रदेश के अन्य जगहों पर अब भी वायु प्रदूषण का आंकड़ा दिल्ली एनसीआर के बराबर दर्ज किया जा रहा है। कड़ाके की सर्दी में औद्योगिक नगरी भिवाड़ी में उद्योग से निकलने वाले धुएं और अपशिष्ट के जलाने से यहां बीते 20 दिन में वायु प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक श्रेणी में दर्ज किया जा रहा है। अधिकतम प्रदूषण का स्तर यहां 300 एक्यूआई तो वहीं औसत प्रदूषण का स्तर 215 के आस-पास दर्ज किया जा रहा है। वहीं जोधपुर की बात की जाए तो यहां प्रदूषण का स्तर 119 के आस-पास दर्ज किया जा रहा है। वहीं उदयपुर की आबोहवा जहां हमेशा सबसे स्वच्छ रहती थी, वहीं अब यहां की आबोहवा भी खराब हो रही है। यहां प्रदूषण का स्तर अधिकतम स्तर 321, वहीं औसतन स्तर 165 एक्यूआई के बीच दर्ज किया गया। पाली का औसत प्रदूषण का स्तर दिसंबर में सबसे कम 80 एक्यूआई के आस-पास देखने को मिल रहा है। कोटा में अधिकतम प्रदूषण का स्तर 250 से 300 एक्यूआई तो वहीं औसत प्रदूषण का स्तर बीते 24 घंटे में 150 के आस-पास दर्ज किया जा रहा है।