जल संरक्षण के पोस्टर का विमोचन
राजधानी जयपुर में 'जल संरक्षण के लिए होली पर गुलाल, अबीर का उपयोग कर हम लाखों लीटर पानी बचा सकते हैं' टीम चेतन धुंधारिया की ओर से पोस्टर का विमोचन किया गया। नारायण पंचारिया पूर्व सांसद व जयपुर जिला प्रभारी एवं राघव शर्मा भाजपा अध्यक्ष जयपुर ने पोस्टर का विमोचन किया। प्रवक्ता जयसिंह कुमावत ने बताया कि रंगों के त्योहार होली पर होने वाले जल के दुरुपयोग को रोकने के लिए टीम की ओर से एक मुहिम चलाई जा रही है। टीम द्वारा लोगों को गुलाल गोटे व अरारोट से बनी सुंगधित गुलाल दी जा रही है तथा लोगों को प्रेरित किया जा रहा है कि गुलाल, अबीर से होली खेलें, पानी को बेवजह जाया न करें तथा लोगों से संकल्प पत्र भरवाये जा रहे हैं कि प्रकृति के अमूल्य धरोहर, मानव जीवन के लिए अमृत तुल्य जल का संरक्षण करूंगा तथा गुलाल अबीर से होली खेल जल संरक्षण में सहभागिता निभाऊंगा। इस अवसर पर नारायण पंचारिया ने कहा कि एक समय था जब भारत की गोद में हज़ारों नदियां बहती थी, लेकिन अब हज़ारों नदियों में से अधिकतर विलुप्त हो गई हैं या फिर उनका जलस्तर घट चुका है। मानवीय इच्छाओं और दोहन की वजह से भूजल स्तर खत्म होने की कगार पर है। अगर सही ढ़ंग से पानी का सरंक्षण किया जाए और जितना हो सके पानी को बर्बाद करने से रोका जाए तो इस समस्या का समाधान बेहद आसान हो सकता है। इस अवसर पर चेतन कुमावत, जयसिंह गुडीवाल, खेमचंद खडगटा, तनुज कुमावत, राकेश कुमार कुमावत सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
राजधानी जयपुर में 'जल संरक्षण के लिए होली पर गुलाल, अबीर का उपयोग कर हम लाखों लीटर पानी बचा सकते हैं' टीम चेतन धुंधारिया की ओर से पोस्टर का विमोचन किया गया। नारायण पंचारिया पूर्व सांसद व जयपुर जिला प्रभारी एवं राघव शर्मा भाजपा अध्यक्ष जयपुर ने पोस्टर का विमोचन किया। प्रवक्ता जयसिंह कुमावत ने बताया कि रंगों के त्योहार होली पर होने वाले जल के दुरुपयोग को रोकने के लिए टीम की ओर से एक मुहिम चलाई जा रही है। टीम द्वारा लोगों को गुलाल गोटे व अरारोट से बनी सुंगधित गुलाल दी जा रही है तथा लोगों को प्रेरित किया जा रहा है कि गुलाल, अबीर से होली खेलें, पानी को बेवजह जाया न करें तथा लोगों से संकल्प पत्र भरवाये जा रहे हैं कि प्रकृति के अमूल्य धरोहर, मानव जीवन के लिए अमृत तुल्य जल का संरक्षण करूंगा तथा गुलाल अबीर से होली खेल जल संरक्षण में सहभागिता निभाऊंगा। इस अवसर पर नारायण पंचारिया ने कहा कि एक समय था जब भारत की गोद में हज़ारों नदियां बहती थी, लेकिन अब हज़ारों नदियों में से अधिकतर विलुप्त हो गई हैं या फिर उनका जलस्तर घट चुका है। मानवीय इच्छाओं और दोहन की वजह से भूजल स्तर खत्म होने की कगार पर है। अगर सही ढ़ंग से पानी का सरंक्षण किया जाए और जितना हो सके पानी को बर्बाद करने से रोका जाए तो इस समस्या का समाधान बेहद आसान हो सकता है। इस अवसर पर चेतन कुमावत, जयसिंह गुडीवाल, खेमचंद खडगटा, तनुज कुमावत, राकेश कुमार कुमावत सहित अन्य लोग उपस्थित थे।