आयोग अध्यक्ष करेंगी कन्यादान
राज्य महिला आयोग के गठन के बाद यह पहला मौका है जब कार्यालय में किसी जोड़े का विवाह संपन्न होगा। आयोग अध्यक्ष सुमन शर्मा का कहना है कि आयोग का गठन 1999 में किया गया था। उसके बाद से 19 सालों में कई ऐसे मौके आए जब आयोग में कई शादियां आपसी समझाईश व सख्ती से आगे बढ़ीं। सैंकड़ों ही प्रकरणों में विवाह विच्छेद भी हुआ। जब भी कोई विवाह टूटता था तो उन्हें काफी दुख होता है। सुमन शर्मा अब खुद बच्ची का कन्यादान कर समाज को एक मेसेज देंगी, कि प्रदेश की हर बेटी के साथ आयोग सदैव खड़ा है।
राज्य महिला आयोग के गठन के बाद यह पहला मौका है जब कार्यालय में किसी जोड़े का विवाह संपन्न होगा। आयोग अध्यक्ष सुमन शर्मा का कहना है कि आयोग का गठन 1999 में किया गया था। उसके बाद से 19 सालों में कई ऐसे मौके आए जब आयोग में कई शादियां आपसी समझाईश व सख्ती से आगे बढ़ीं। सैंकड़ों ही प्रकरणों में विवाह विच्छेद भी हुआ। जब भी कोई विवाह टूटता था तो उन्हें काफी दुख होता है। सुमन शर्मा अब खुद बच्ची का कन्यादान कर समाज को एक मेसेज देंगी, कि प्रदेश की हर बेटी के साथ आयोग सदैव खड़ा है।
समझाईश से बनी बात
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष सुमन शर्मा ने बताया कि आयोग में तलब किए गए परिजनों पर युवती ने आरोप लगाते हुए कहा था कि वह अपनी पसन्द के युवक से शादी करना चाहती है। घरवाले खिलाफ हैं और उसे प्रताड़ित करते हैं। आयोग की समझाने के बाद वे लोग उनके रिश्ते को स्वीकार करने को तैयार हुए। जब लड़के को बुलाकर उससे पूछा तो उसने भी युवती से विवाह के लिए हामी भर दी। आयोग में प्रेमी जोड़े के परिजनों को भी बुलवाकर समझाया। इस पर दोनों पक्ष विवाह के लिए तैयार हो गए।
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष सुमन शर्मा ने बताया कि आयोग में तलब किए गए परिजनों पर युवती ने आरोप लगाते हुए कहा था कि वह अपनी पसन्द के युवक से शादी करना चाहती है। घरवाले खिलाफ हैं और उसे प्रताड़ित करते हैं। आयोग की समझाने के बाद वे लोग उनके रिश्ते को स्वीकार करने को तैयार हुए। जब लड़के को बुलाकर उससे पूछा तो उसने भी युवती से विवाह के लिए हामी भर दी। आयोग में प्रेमी जोड़े के परिजनों को भी बुलवाकर समझाया। इस पर दोनों पक्ष विवाह के लिए तैयार हो गए।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, दूसरी जाति के लड़के से शादी की जिद युवती को भारी पड़ी थी। परिवारजनों ने ना केवल उसके बाल काट दिये बल्कि उसे करंट लगाकर प्रताड़ना दी थी। युवती अपने परिवारजनों से बचकर जैसे-तैसे महिला सुरक्षा केन्द्र पहुंची और वहां जाकर अपनी आपबीती सुनाई। युवती की इस आपबीती के सुनने के बाद उसे महिला शक्ति केन्द्र भेज दिया गया। मामला राज्य महिला आयोग पहुंचा तो, दोंनो पक्षों की समझाईश की गई। पीड़िता का कहना है कि घर वाले उसे जान से मारने की धमकियां देते थे, इसके बावजूद जब वह अपने प्रेमी से शादी की बात पर अड़ी रही तो उसकी मां, पिता और भाई ने मिलकर उसके बाल और नाखून काट दिए, साथ ही करंट भी लगाया।
दरअसल, दूसरी जाति के लड़के से शादी की जिद युवती को भारी पड़ी थी। परिवारजनों ने ना केवल उसके बाल काट दिये बल्कि उसे करंट लगाकर प्रताड़ना दी थी। युवती अपने परिवारजनों से बचकर जैसे-तैसे महिला सुरक्षा केन्द्र पहुंची और वहां जाकर अपनी आपबीती सुनाई। युवती की इस आपबीती के सुनने के बाद उसे महिला शक्ति केन्द्र भेज दिया गया। मामला राज्य महिला आयोग पहुंचा तो, दोंनो पक्षों की समझाईश की गई। पीड़िता का कहना है कि घर वाले उसे जान से मारने की धमकियां देते थे, इसके बावजूद जब वह अपने प्रेमी से शादी की बात पर अड़ी रही तो उसकी मां, पिता और भाई ने मिलकर उसके बाल और नाखून काट दिए, साथ ही करंट भी लगाया।