इस अनूठे विवाह का साक्षी बना राज्य महिला आयोग का परिसर। 19 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ जब आयोग कार्यालय में शहनाइयां गूंजी वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मनीष और ज्योति ने सात फेरे लिए। ज्योति वही लड़की है जिसने अपने परिजनों का सितम झेला, करंट के झटके सहे और तो और उसके बाल भी काट दिए गये। लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी और मनीष के और अपने प्यार के भरोसे के दम पर ही लड़ती रही। राज्य महिला आयोग परिसर में करीब सवा 12 बजे जैसे ही मनीष ने ज्योति का हाथ थामा। इस दौरान दोनों के परिजन भी मौजूद थे। आयोग के लालकोठी स्थित कार्यालय में गुरुवार को ये प्रेमी जोड़ा विवाह बंधन में बंध गया। जहां एक ओर ज्योति को दुल्हन का जोड़ा पहने देख मनीष की खुशी उसके चेहरे पर झलक रही थी। वहीं दूल्हे की मां भी अपनी नई नवेली बहू के लिए शादी की सभी खरीदारी कर जरूरी सामान ले आई थी। इस शादी की खास बात यह रही कि इसमें दहेज का लेनदेन बिलकुल नहीं हुआ।
फिल्मी अंदाज में हुआ विवाह
दूसरी जाति के लड़के से शादी की जिद ज्योति को भारी पड़ी थी। वो अपने परिवारजनों से बचकर जैसे-तैसे महिला सुरक्षा केन्द्र पहुंची थी और वहां जाकर अपनी आपबीती सुनाई। युवती की इस आपबीती के सुनने के बाद उसे महिला शक्ति केन्द्र भेज दिया गया। मामला राज्य महिला आयोग पहुंचा तो, दोंनो पक्षों की समझाईश की गई। आयोग के समझाने पर ज्योति के पिता और भाई उसकी शादी मनीष से कराने पर राजी हो गए। इसमें साक्षी बनी राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष सुमन शर्मा और सदस्यगण। सुमन शर्मा ने ही ज्योति के परिजनों को इस शादी के लिए राजी किया था। इस दौरान महिला आयोग के सभी सदस्य और लड़के-लड़की का परिवार भी मौजूद रहा। आयोग की 2 दिन चली समझाइश के बाद आखिर लड़की का परिवार भी शादी में शामिल होने के लिए मान गया। पूरे हिंदू रीति रिवाज के साथ ये विवाह करवाया गया।
दूसरी जाति के लड़के से शादी की जिद ज्योति को भारी पड़ी थी। वो अपने परिवारजनों से बचकर जैसे-तैसे महिला सुरक्षा केन्द्र पहुंची थी और वहां जाकर अपनी आपबीती सुनाई। युवती की इस आपबीती के सुनने के बाद उसे महिला शक्ति केन्द्र भेज दिया गया। मामला राज्य महिला आयोग पहुंचा तो, दोंनो पक्षों की समझाईश की गई। आयोग के समझाने पर ज्योति के पिता और भाई उसकी शादी मनीष से कराने पर राजी हो गए। इसमें साक्षी बनी राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष सुमन शर्मा और सदस्यगण। सुमन शर्मा ने ही ज्योति के परिजनों को इस शादी के लिए राजी किया था। इस दौरान महिला आयोग के सभी सदस्य और लड़के-लड़की का परिवार भी मौजूद रहा। आयोग की 2 दिन चली समझाइश के बाद आखिर लड़की का परिवार भी शादी में शामिल होने के लिए मान गया। पूरे हिंदू रीति रिवाज के साथ ये विवाह करवाया गया।
ये हुए शामिल
महिला आयोग सदस्य डॉ रीता भार्गव व सुषमा कुमावत,बाल आयोग सदस्य जयश्री गर्ग व एस पी सिंह तथा सदस्य सचिव अमृता चौधरी, अति पुलिस अधीक्षक योगिता मीना,रजिस्ट्रार अजय शुक्ला पारिवारिक न्यायालय के दोनों न्यायाधीश कुँवर महेन्द्र सिंह राघव व अजय भोजक इस विवाह के गवाह बने और युगल को आशीर्वाद व शुभकामनाएं दीं।
महिला आयोग सदस्य डॉ रीता भार्गव व सुषमा कुमावत,बाल आयोग सदस्य जयश्री गर्ग व एस पी सिंह तथा सदस्य सचिव अमृता चौधरी, अति पुलिस अधीक्षक योगिता मीना,रजिस्ट्रार अजय शुक्ला पारिवारिक न्यायालय के दोनों न्यायाधीश कुँवर महेन्द्र सिंह राघव व अजय भोजक इस विवाह के गवाह बने और युगल को आशीर्वाद व शुभकामनाएं दीं।