दरअसल राजस्थान में चित्तौड़गढ़ के मंडफिया पुलिस स्टेशन में तैनात सब इंस्पेक्टर धनपत की शादी होने वाली है। होने वाली पत्नी के साथ धनपत ने प्रीवेडिंग शूट कराया है। शूट में पत्नी के साथ धनपत मंदिर में जाता है और भगवान को प्रणाम करते हुए पत्नी से पहली दफा मिलने के बारे में सोचता है।
सब इंस्पेक्टर जब नाकेबंदी में ड्यूटी पर था। उस दौरान स्कूटी पर आई युवती को देखकर पहली नजर का पहला प्यार हो जाता है। कांस्टेबल हेलमेट नहीं होने के चलते उसको रोकते है तो युवती पहले गलती के माफी मांगती है और फिर रुपए सब इंस्पेक्टर की जेब में रखती है। इंस्पेक्टर सुधबुध खो चुका है और युवती वहां से चली जाती है। इसके बाद उनकी मुलाकात होती है फिर शादी तक बात पहुंच जाती है।
इस बीच एचएचओ धनपत का यह विडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया। विडियो वायरल होने के बाद राजस्थान पुलिस विभाग ने धनपत को चेतावनी दी और कार्रवाई की सिफारिश की। एसएचओ धनपत को दिए नोटिस में पुलिस वर्दी में शूटिंग करने की आलोचना की गई जिससे पुलिस विभाग के बारे में लोगों की नकारात्मक छवि बनी।
राजस्थान लॉ एंड आर्डर डीजी एमएल लाठर का कहना है कि वेडिंग प्लानर वीडियो को रोचक बनाने के लिए आइडियाबेस काम करते है, उसी के तहत ये वीडियो बनाया गया है। हमारा विरोध वर्दी में घूस लेने जैसे सीन से हैं। हालांकि सब इंस्पेक्टर पर कार्रवाई करने की बजाय चेतावनी दी गई है।
इस वीडियो के बारे में मंडफिया (चित्तौडग़ढ़) के थानाधिकारी की ओर से मुख्यालय के अधिकारियों को अवगत करवाने पर आईजी लॉ एंड ऑर्डर ने पूरे राज्य के एसपी को एक आदेश जारी कर किसी प्रकार के प्री-वेडिंग शूट में पुलिस वर्दी के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाते हुए कानूनी कार्रवाई के आदेश जारी किए। आदेश के बाद एसपी कैलाशचन्द्र विश्नोई ने कोटड़ा थानाधिकारी के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए तथा समस्त पुलिस अधिकारियों व कार्मिकों को पाबंद किया है।
गौरतलब है कि कोटड़ा थानाधिकारी धनपतसिंह इससे पहले गोगुन्दा थाने में तैनात थे और नाकाबंदी के दौरान मध्यप्रदेश के एक इंस्पेक्टर को पैर में गोली मारने के मामले में भी चर्चा में आए थे। गोगुन्दा में तैनातगी के दौरान ही वह अपने विवाह के लिए छुट्टी पर गए थे। वापसी हुई तो एसपी ने उन्हें कोटड़ा थाने पर लगाया था। इस थाने में अभी तैनातगी के कुछ दिन के बाद ही वर्दी में उनका प्री-वेडिंग शूट चर्चा का विषय बन गया।