आदिवासी दिवस पर स्थानीय अवकाश एडजस्ट करने के निर्देश
यात्रा की शुरूआत दोपहर 12 बजे जिला मुख्यालय स्थित उदयविलास पैलेस से हुई। शहर में दो तीन स्थलों पर स्वागत के बाद यात्रा चौरासी विधानसभा क्षेत्र की ओर बढ़ी। भंडारिया घाटा में सीएम ने नगरपरिषद के कचरा निस्तारण प्लान्ट का अवलोकन किया। साथ ही पास स्थित गो शाला में गो ग्रास कराया। इसके बाद काफिला कांकरादरा, गैंजी, पाडली गुजरेश्वर, झोंथरी, करावाड़ा में लोगों ने स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने गैंजी और करावाड़ा में रथ के ऊपर चढ़ कर लोगों को संबोधित किया। इसके बाद धंबोला में सभा हुई। यहां सीएम ने कहा कि हमने चार साल में किया वह कांग्रेस 40 साल में नहीं कर पाई। उन्होंने 104 करोड़ की लागत के चीखली-आनंदपुरी संगमेश्वर पुल सहित कई विकास कामों का शिलान्यास और लोकार्पण किया। साथ ही चीखली पुल का नामकरण गोविन्द गुरु के नाम पर करने की घोषणा की। आदिवासी दिवस 9 अगस्त को स्थानीय अवकाश एडजस्ट करने के निर्देश जिला कलक्टर को दिए।
यात्रा की शुरूआत दोपहर 12 बजे जिला मुख्यालय स्थित उदयविलास पैलेस से हुई। शहर में दो तीन स्थलों पर स्वागत के बाद यात्रा चौरासी विधानसभा क्षेत्र की ओर बढ़ी। भंडारिया घाटा में सीएम ने नगरपरिषद के कचरा निस्तारण प्लान्ट का अवलोकन किया। साथ ही पास स्थित गो शाला में गो ग्रास कराया। इसके बाद काफिला कांकरादरा, गैंजी, पाडली गुजरेश्वर, झोंथरी, करावाड़ा में लोगों ने स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने गैंजी और करावाड़ा में रथ के ऊपर चढ़ कर लोगों को संबोधित किया। इसके बाद धंबोला में सभा हुई। यहां सीएम ने कहा कि हमने चार साल में किया वह कांग्रेस 40 साल में नहीं कर पाई। उन्होंने 104 करोड़ की लागत के चीखली-आनंदपुरी संगमेश्वर पुल सहित कई विकास कामों का शिलान्यास और लोकार्पण किया। साथ ही चीखली पुल का नामकरण गोविन्द गुरु के नाम पर करने की घोषणा की। आदिवासी दिवस 9 अगस्त को स्थानीय अवकाश एडजस्ट करने के निर्देश जिला कलक्टर को दिए।
ढोल नगाड़ों से स्वागत
गौरव यात्रा को लेकर गांव-गांव में उत्साह की लहर देखने मिली। भाजपा पदाधिकारी और कार्यकर्ता जोश में नजर आए। शहर सहित चौरासी और सागवाड़ा विधानसभा क्षेत्रों में भी गांव-गांव में लोग स्वागत के लिए सडक़ों पर एकत्र रहे। कहीं ढोल नगाड़ों के साथ परंपरागत गेर नृत्य हो रहे हैं तो कहीं कार्यकर्ता उत्साह से नारेबाजी कर रहे हैं। गौरव यात्रा का डूंगरपुर जिले में जगह-जगह ढोल नगाड़ों से स्वागत हो रहा है। मुख्यमंत्री के उदयविलास पैलेस से रवाना होने से घंटो पहले लोग मुख्य सडक़ पर खड़े हो गए।
गौरव यात्रा को लेकर गांव-गांव में उत्साह की लहर देखने मिली। भाजपा पदाधिकारी और कार्यकर्ता जोश में नजर आए। शहर सहित चौरासी और सागवाड़ा विधानसभा क्षेत्रों में भी गांव-गांव में लोग स्वागत के लिए सडक़ों पर एकत्र रहे। कहीं ढोल नगाड़ों के साथ परंपरागत गेर नृत्य हो रहे हैं तो कहीं कार्यकर्ता उत्साह से नारेबाजी कर रहे हैं। गौरव यात्रा का डूंगरपुर जिले में जगह-जगह ढोल नगाड़ों से स्वागत हो रहा है। मुख्यमंत्री के उदयविलास पैलेस से रवाना होने से घंटो पहले लोग मुख्य सडक़ पर खड़े हो गए।
रथ की रफ्तार काफी धीमी रही
कई जगह पर आदिवासी युवक-युवतियों ने ढोल धमाकों के साथ परंपरागत गेर नृत्य कर स्वागत किया। भीड़ देख रथ की छत से संबोधन मुख्यमंत्री ने गैंजी, करावाड़ा सहित कई गांवों में सडक़ों पर हजारों की तादाद में लोगों को एकत्र देखकर रथ की छत पर चढ़ कर संबोधित किया। राजस्थान गौरव यात्रा के तहत सोमवार को मुख्यमंत्री को डूंगरपुर जिले में दो सभाओं के बाद बांसवाड़ा जिले में पहुंचना था, लेकिन दिन की आखिरी सभा के वक्त तक तो मुख्यमंत्री पहली सभा में ही नहीं पहुंची। दरअसल डूंगरपुर से गौरव यात्रा सुबह नौ बजे शुरू होनी थी, लेकिन मुख्यमंत्री उदयविलास पैलेस से ही 12 बजे रवाना हुई। रास्ते में जगह-जगह स्वागत सत्कार के कारण रथ की रफ्तार काफी धीमी रही।
कई जगह पर आदिवासी युवक-युवतियों ने ढोल धमाकों के साथ परंपरागत गेर नृत्य कर स्वागत किया। भीड़ देख रथ की छत से संबोधन मुख्यमंत्री ने गैंजी, करावाड़ा सहित कई गांवों में सडक़ों पर हजारों की तादाद में लोगों को एकत्र देखकर रथ की छत पर चढ़ कर संबोधित किया। राजस्थान गौरव यात्रा के तहत सोमवार को मुख्यमंत्री को डूंगरपुर जिले में दो सभाओं के बाद बांसवाड़ा जिले में पहुंचना था, लेकिन दिन की आखिरी सभा के वक्त तक तो मुख्यमंत्री पहली सभा में ही नहीं पहुंची। दरअसल डूंगरपुर से गौरव यात्रा सुबह नौ बजे शुरू होनी थी, लेकिन मुख्यमंत्री उदयविलास पैलेस से ही 12 बजे रवाना हुई। रास्ते में जगह-जगह स्वागत सत्कार के कारण रथ की रफ्तार काफी धीमी रही।