शिक्षण संस्थानों पर भी होगी कार्रवाई
उच्च शैक्षणिक संस्थानों में रैगिंग रोकने सख्ती की गई है। वहीं विश्वविद्यालय और कॉलेज अब एंटी रैगिंग कमेटी का गठन, वेबसाइट पर हेल्पलाइन नंबर व एंटी रैगिंग पोस्टर लगाकर अपनी जिम्मेदारी से मुक्त नहीं हो सकेंगे। उन्हें रैगिंग के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी। रैगिंग संबंधी कड़े नियम लागू होने के बाद भी लगातार सामने आ रही घटनाओं के बाद यह फैसला लिया गया है।नए नियमों के अनुसार ऐसे विश्वविद्यालय या कॉलेज में एक साल तक दाखिले पर रोक लगेगी, जो अपने संस्थान में रैगिंग रोकने में नाकाम साबित होते हैं। साथ ही नए कोर्स शुरू करने पर रोक के साथ सीटों में भी कटौती होगी।न सिर्फ यूजीसी के अंतर्गत आने वाले संस्थान, बल्कि ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजूकेशन के अधीन तकनीकी संस्थानों में भी ये नियम लागू होंगे।
उच्च शैक्षणिक संस्थानों में रैगिंग रोकने सख्ती की गई है। वहीं विश्वविद्यालय और कॉलेज अब एंटी रैगिंग कमेटी का गठन, वेबसाइट पर हेल्पलाइन नंबर व एंटी रैगिंग पोस्टर लगाकर अपनी जिम्मेदारी से मुक्त नहीं हो सकेंगे। उन्हें रैगिंग के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी। रैगिंग संबंधी कड़े नियम लागू होने के बाद भी लगातार सामने आ रही घटनाओं के बाद यह फैसला लिया गया है।नए नियमों के अनुसार ऐसे विश्वविद्यालय या कॉलेज में एक साल तक दाखिले पर रोक लगेगी, जो अपने संस्थान में रैगिंग रोकने में नाकाम साबित होते हैं। साथ ही नए कोर्स शुरू करने पर रोक के साथ सीटों में भी कटौती होगी।न सिर्फ यूजीसी के अंतर्गत आने वाले संस्थान, बल्कि ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजूकेशन के अधीन तकनीकी संस्थानों में भी ये नियम लागू होंगे।