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महामारी के बाद स्वस्थ जीवन के लिए वेलनेस महत्वपूर्ण

locationजयपुरPublished: Apr 15, 2021 11:52:12 am

आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी ( IIHMR University ) ने इंडस वेलनेस कोड ट्रस्ट (आईडब्ल्यूसीटी) के साथ एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए। इंडस वेलनेस कोड ( Wellness ) ट्रस्ट ने भारत में आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी, जयपुर के सहयोग से अपना पहला वेलनेस रिसोर्स सेंटर शुरू किया है। यह पहल पिछले 3 वर्षों में उत्तरी अमेरिका में सिलिकॉन वैली यूएसए के पेशेवर रूप से संचालित सबसे बड़े इंडिया कम्युनिटी सेंटर क्रेक द वेलनेस कोड (आईसीसी-सीडब्ल्यूसी) के सहयोग से की गई है।

महामारी के बाद स्वस्थ जीवन के लिए वेलनेस महत्वपूर्ण

महामारी के बाद स्वस्थ जीवन के लिए वेलनेस महत्वपूर्ण

जयपुर। आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी ने इंडस वेलनेस कोड ट्रस्ट (आईडब्ल्यूसीटी) के साथ एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए। इंडस वेलनेस कोड ट्रस्ट ने भारत में आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी, जयपुर के सहयोग से अपना पहला वेलनेस रिसोर्स सेंटर शुरू किया है। यह पहल पिछले 3 वर्षों में उत्तरी अमेरिका में सिलिकॉन वैली यूएसए के पेशेवर रूप से संचालित सबसे बड़े इंडिया कम्युनिटी सेंटर क्रेक द वेलनेस कोड (आईसीसी-सीडब्ल्यूसी) के सहयोग से की गई है।
वेलनेस रिसोर्स सेंटर की शुरुआत एसएमएस मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, जयपुर के पिं्रसिपल डॉ. सुधीर भंडारी ने किया। भंडारी ने कहा कि कोविड-19 के बाद न्यू-नॉर्मल के मौजूदा दौर में चिकित्सकों और रोगियों ने बदलाव को अपना लिया है। जब हम रोग निवारक से जुड़े पहलुओं की तरफ देखते हैं, तो हमें ‘वेलनेसÓ को प्राथमिकता देनी चाहिए। कोविड-19 ने चिकित्सा और स्वास्थ्य जगत में एक किस्म की अर्जेन्सी पैदा की है, जिसके बाद वेलनेस की तरफ लोगों का ध्यान गया है। जहां तक वेलनेस का सवाल है, तो यह बहुआयामी है और समग्र स्वास्थ्य, खुशी और कल्याण का कारण बनती है। मौजूदा दौर में शारीरिक, मानसिक और सामाजिक कल्याण सबसे महत्वपूर्ण आयाम हैं। ऐसी स्थिति में आईडब्ल्यूसीटी और आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी जैसे संगठनों को एक स्वस्थ और रोग मुक्त भारत बनाने के लिए स्वास्थ्य प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित करने और इस दिशा में सहयोग करने के लिए आगे आना चाहिए।
आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी प्रेसीडेंटए डॉ. पी.आर. सोडानी ने कहा कि कोविड-19 ने पूरे स्वास्थ्य क्षेत्र में परिवर्तन की एक नई लहर उत्पन्न की है। इस महामारी ने हमारी जीवनशैली को बहुत बड़ा झटका दिया है और आज शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी गंभीर चर्चा होने लगी है। इंडस वेलनेस कोड ट्रस्ट के साथ किया गया यह समझौता दरअसल, एक रणनीतिक गठबंधन है, जहां आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी ज्ञान निर्माण और प्रसार गतिविधियों के लिए एक नॉलेज पार्टनर की महत्वपूर्ण भूमिका में होगा। इस गठबंधन का मुख्य उद्देश्य प्रिवेंशन और वेलनेस की दिशा में सरकारी नीतियों को प्रभावित करना होगा। आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी अपने फैकल्टीज, कर्मचारियों और छात्रों के बीच वेलनेस को बढ़ावा देने के लिए वेलनेस रिसोर्स सेंटर के साथ अग्रणी भागीदारों में से एक होगा। आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी और आईडब्ल्यूसीटी वेबिनार, सम्मेलन और वेलनेस सपोर्ट ग्रुप्स के माध्यम से ज्ञान संबंधी संसाधन और विशेषज्ञता को साझा करेंगे। हमें खुशी है कि वेलनेस की मुहिम को आगे बढऩे की दिशा में आईडब्ल्यूसीटी ने आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के प्रति अपना भरोसा जताया है।
इंडस वेलनेस कोड ट्रस्ट के चेयरमैन नरेन बख्शी ने कहा कि वेलनेस को वर्तमान दौर की सबसे बड़ी जरूरत समझा जाना चाहिए और इसीलिए आज वेलनेस पर फोकस करने की आवश्यकता भी है। महामारी के बाद एक स्वस्थ जीवन जीने के लिए वेलनेस बहुत महत्वपूर्ण है और आईसीसी के मुख्य ट्रस्टी और सीडब्ल्यूसी के चीफ मेंटॉर और को-फाउंडर के रूप में मुझे अपने पैतृक स्थान जयपुर में पहले वेलनेस रिसोर्स सेंटर की स्थापना करते हुए खुशी का अनुभव हो रहा है। जल्द ही देशभर में हम इसका विस्तार करेंगे। मुझे खुशी है कि मेरे मित्र अशोक अग्रवाल के परिवार द्वारा स्थापित आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी हमारे पहले रणनीतिक नॉलेज पार्टनर के रूप में जुड़ा है, जो हैल्थ, हॉस्पिटल और फार्मास्युटिकल सेक्टर में बेहतर हैल्थकेयर मैनेजर तैयार कर रहा है।
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