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तलाक के लिए कोर्ट गया, अब रहना होगा एक की जगह दो पत्नियों के साथ, जानें पूरा मामला

locationजयपुरPublished: Dec 14, 2019 09:05:38 pm

पारिवारिक न्यायालय संख्या एक में आया दिलचस्प मामला, साल की आखरी लोक अदालत में 52 हजार से ज्यादा मुकदमें निस्तारित

तलाक के लिए कोर्ट गया, अब रहना होगा एक की जगह दो पत्नियों के साथ, जानें पूरा मामला

तलाक के लिए कोर्ट गया, अब रहना होगा एक की जगह दो पत्नियों के साथ, जानें पूरा मामला

कमलेश अग्रवाल / जयपुर। पारिवारिक न्यायालय संख्या एक में शनिवार को एक दिलचस्प मामला देखने में आया। जिसमें तलाक के लिए गए पति के अब दो पत्नियां हो गई है। दरअसल लोक अदालत में तलाक की अर्जी दाखिल करने वाली पत्नी ने दूसरी पत्नी के साथ रहने पर समझौता कर लिया।
मामले के अनुसार याचिकाकर्ता नेमीचन्द का विवाह 2001 में माया से हुआ था। विवाद होने पर दोनों 2014 से अलग—अलग रहने लगे। नेमीचन्द ने 2015 में तलाक का मामला दायर किया। नेमीचंद ने इस दौरान दूसरा विवाह भी कर लिया था। नेमीचंद और माया कि बीच शनिवार को लोक अदालत में राजीनामा हो गया। माया ने नेमीचंद की दूसरी पत्नी होने के बाद भी साथ रहने पर सहमति दे दी। न्यायालय परिसर में नेमीचंद का मामले को लेकर कानूनी बिंदू पर पूरे दिन चर्चा करते हुए दिखाई दिए।
साल की आखरी लोक अदालत में 52 हजार से ज्यादा मुकदमें निस्तारित
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर शनिवार को साल की आखरी लोक अदालत का आयोजन किया गया। जयपुर सहित 35 न्यायिक जिलों में कुल 809 बेंच का गठन किया गया। वहीं राजस्थान हाईकोर्ट जयपुर में तीन और जोधपुर में दो बेंच गठित की गई। जिसमें कुल मिलाकर 52 हजार 939 मुकदमों का निस्तारण करते हुए 398 करोड़ 79 लाख 56 हजार 838 रुपए का अवार्ड पारित किया गया। साल की आखरी राष्ट्रीय लोक अदालत का उच्च न्यायालय जयपुर में राजस्थान विधिक सेवा समिति की अध्यक्ष न्यायाधीश सबीना ने उद्घाटन किया।
जयपुर में 93 करोड़ का अवार्ड
जयपुर महानगर सहित समस्त ताल्लुकाओं पर राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। जयपुर महानगर के सदस्य सचिव भूपेंद्र कुमार मीना ने बताया कि जयपुर महानगर एवं ताल्लुका मुख्यालयों पर राजीनामा योग्य लंबित 29 हजार 343 एवं प्री-लिटिगेशन प्रकृति के 11 हजार प्रकरण प्रकरण रखे गए तथा कुल 79 बेंचेज़ का गठन किया गया। कुल 5749 प्रकरणों का निस्तारण करते हुए 93 करोड़ 70 लाख 61 हजार 198 रुपए का अवार्ड पारित किया गया।
पारिवारिक न्यायालय
जयपुर जिले की तीन पारिवारिक न्यायालय में कुल 380 प्रकरणों का निस्तारण किया गया। इसी के साथ कुल 18 जोड़ों की समझाइस की गई। इसके बाद आपसी विवाद को भूलकर इन जोड़ों ने एक साथ रहने का फैसला किया। लोक अदालत में इन जोड़ों ने एक दूसरे को माला पहनाई और एक साथ अदालत से रवाना हुए।
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