अब क्या कर रहे है ठाकरे
जयपुरPublished: Nov 13, 2019 05:28:28 pm
महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगने से पहले सरकार बनाने का दम भरने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे Uddhav Thackeray’के तेवर किस कदर नरम पड़ चुके हैं इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बुधवार दोपहर कांग्रेस नेताओंCongress leaders से होटल में मुलाकात के बाद जब वे बाहर निकले तो उनके मुंह से जवाब नहीं निकला। पत्रकारों के सवालों पर उन्होंने इतना ही कहा कि कांग्रेस नेताओं से क्या बात हुई है, आपको कैसे बताउं।
जयपुर , 13 नवंबर
महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगने से पहले सरकार बनाने का दम भरने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे Uddhav Thackeray’ के तेवर किस कदर नरम पड़ चुके हैं इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बुधवार दोपहर कांग्रेस नेताओं से होटल में मुलाकात के बाद जब वे बाहर निकले तो उनके मुंह से जवाब नहीं निकला। पत्रकारों के सवालों पर उन्होंने इतना ही कहा कि कांग्रेस नेताओंCongress leadersसे क्या बात हुई है, आपको कैसे बताउं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अभी शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी तीनों एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उधर शिवसेना नेता संजय राउत को भी अस्पताल से छुट्टी मिल गई है, लेकिन पहले की तरह वे बयान देने से बच रहे हैं।
िफलहाल शिवसेना प्रमुख उद्धव सरकार बनाने के लिए गठजोड़ के प्रयासों में जुटे हैं। वे एनसीपी नेताओं से संपर्क में है और लगातार बातचीत कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस और एनसीपी के बीच भी बातचीत जारी है। सूत्रों का यह भी कहना है कि शिवसेना की एनसीपी और कांग्रेस से अब तक बात नहीं बनी है। कुलमिलाकर महाराष्ट्र में सत्ता की कुर्सी का दंगल अभी तक थमा नहीं है। बता दें कि महाराष्ट्र में राज्यपाल ने सबसे बड़ी पार्टी के नाते पहले भाजपा का न्यौता दिया, उसने सरकार बनाने से मना कर दिया तो शिवसेना को बुलाया, शिवसेना प्रमुख राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी से मिलने पहुंचे लेकिन एनसीपी और कांग्रेस का समर्थन पत्र नहीं ले जा सके। इसके बाद राज्यपाल ने एनसीपी को सरकार बनाने का निमंत्रण दिया, लेकिन उसने भी दो दिन का समय और मांगा तो राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन लगाने की राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से सिफारिश कर दी और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन President’s rule in Maharashtra लागू हो गया। इसके बाद शिवसेना ने मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले गई।