घर में कैद आम आदमी कोरोना से क्या पूछ रहा है सवाल देखिए कार्टूनिस्ट सुधाकर के नजरिए से
घर में कैद आम आदमी कोरोना से क्या पूछ रहा है सवाल देखिए कार्टूनिस्ट सुधाकर के नजरिए से
देश में कोविड-19 के मरीजों का मिलना लगातार जारी है. अब तक देश में 21000 से ज्यादा कोरोना के मामले सामने आ चुके हैं. सरकार के तरह तरह के प्रयास के बावजूद मरीज बढ़ते ही जा रहे हैं .अगर इसी तरह कोरोना का संक्रमण बढ़ता रहा तो देश में 3 मई तक लगाया गया लॉक डाउन सरकार को आगे भी बढ़ाना पड़ सकता है. ऐसे में सवाल उठता है कि यदि लॉक डाउन फिर बढ़ा तो पहले से ठप पड़े उद्योग धंधों का क्या होगा, जो लोग लॉकडाउन के कारण काम पर नहीं जा पा रहे हैं और बेरोजगार बैठे हैं, वे अपना घर खर्च कैसे चलाएंगे ?देश की अर्थव्यवस्था जो पहले से ही बहुत बीमार है उसकी क्या हालत होगी? देश में लॉक डाउन के कारण पर्यावरण पर जरूर अच्छा असर पड़ रहा है, प्रदूषण कम हो गया है, हवा पानी साफ हो गए हैं और कई जगह जहां प्रदूषण के कारण दृश्यता बहुत ही कम रह गई थी वहां अब चीजें बहुत साफ नजर आ रही है .राजधानी दिल्ली की आज सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें वायरल हुई जिनमें इंडिया गेट की लॉक डाउन से पहले और लॉक डाउन के बाद की तस्वीर दिखाई गई थी जिसमें प्रदूषण में आई कमी साफ नजर आ रही थी.इधर अपने घर में कैद आम आदमी कोरोना से पूछ रहा है कि जिस तरह सब कुछ साफ हो गया है उसी तरह उसके जाने का रास्ता कब साफ होगा .इसी मुद्दे पर देखिए कार्टूनिस्ट सुधाकर का नजरिया
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