शेखावत पहली बार 2014 में ही सांसद बने थे और पीएम नरेन्द्र मोदी ने पहले ही कार्यकाल में शेखावत को राज्यमंत्री बनाया। 2018 के राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले उनको प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष भी नियुक्त करने पर विचार हुआ। हालांकि, वे अध्यक्ष नहीं बन सके। आलाकमान ने 2019 में उन्हें फिर से जोधपुर से सांसद का चुनाव लड़वाया और इस बार उन्हें पीएम मोदी के सबसे बड़े सपनों में से एक सबको पीने का पानी मिले। इसके लिए जल शक्ति मंत्रालय बनाकर शेखावत को उसका मंत्री बनाया। शेखावत लगातार किसी ना किसी बड़ी जिम्मेदारी का दायित्व संभाल रहे हैं। पश्चिम बंगाल चुनावों में भी शेखावत को भेजा गया। उत्तर प्रदेश चुनाव में भी वे भाजपा के लिए प्रचार करते नजर आए और जब पंजाब का चुनाव हुआ तो उन्हें चुनाव प्रभारी भी नियुक्त किया गया। हालांकि, पंजाब में भाजपा सरकार का हिस्सा नहीं बन पाई, लेकिन पार्टी का शेखावत पर भरोसा लगातार बना रहा। अब उन्हें राष्ट्रपति जैसे महत्वपूर्ण चुनाव का जिम्मा भी दे दिया गया है।
अब सिर्फ एक ही चर्चा , क्या राजस्थान चुनावोें में मिलेगी बड़ी जिम्मेदारी ?
शेखावत को जब से राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा की ओर से गठित समिति का संयोजक नियुक्त किया है, तभी से राजस्थान में एक ही चर्चा चल पड़ी है कि क्या इस जिम्मेदारी का कनेक्शन अगले साल राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनावों से है? पार्टी शुरू से ही उन्हें राजस्थान चुनावों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देना चाह ही है और माना जा रहा है कि बार-बार महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देकर पार्टी यही संदेश दे रही है कि आगामी चुनावों में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण ही रहेगी।
शेखावत को जब से राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा की ओर से गठित समिति का संयोजक नियुक्त किया है, तभी से राजस्थान में एक ही चर्चा चल पड़ी है कि क्या इस जिम्मेदारी का कनेक्शन अगले साल राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनावों से है? पार्टी शुरू से ही उन्हें राजस्थान चुनावों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देना चाह ही है और माना जा रहा है कि बार-बार महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देकर पार्टी यही संदेश दे रही है कि आगामी चुनावों में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण ही रहेगी।