संक्रामक बीमारियों से बचे रहेंगे स्वास्थ्यकर्मी
गाइललाइन में कोरोनावायरस जैसी महामारी में टेलीमेडिसिन के महत्त्व का भी जिक्र है। गाइडलाइन के अनुसार, ‘ऐसे प्रकोपों के समय स्वास्थ्य कर्मियों को संक्रमण बचाकर संक्रामक रोगों के संचरण को रोका जा सकता है।?
गाइललाइन में कोरोनावायरस जैसी महामारी में टेलीमेडिसिन के महत्त्व का भी जिक्र है। गाइडलाइन के अनुसार, ‘ऐसे प्रकोपों के समय स्वास्थ्य कर्मियों को संक्रमण बचाकर संक्रामक रोगों के संचरण को रोका जा सकता है।?
गाइडलाइन के महत्त्वपूर्ण बातें
‘ज्यादा फीस वसूलने व शेड्यूल एक्स की दवाएं लिखने पर रोक
– डॉक्टर यह तय करेगा कि क्या टेली-परामर्श एक व्यवहारिक विकल्प है और यदि उसे जरूरत लगती है तो व्यक्तिगत रूप से परामर्श की सिफारिश कर सकता है।
– डॉक्टर यह भी तय करेगा कि इस तरह के परामर्श के लिए किस माध्यम या तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकता है। ऐसी सभी तकनीकों को भारतीय चिकित्सा परिषद द्वारा तय मानकों के अनुरूप होना चाहिए।
– डॉक्टर टेलीमेडिसिन के जरिए शेड्यूल एक्स की दवाएं नहीं लिख सकते।
– डॉक्टर टेलीपरमार्श के लिए व्यक्तिगत परमार्श से Óयादा शुल्क नहीं वसूल सकते, हालांकि वह इस सेवा की पेशकश के लिए अलग से शुल्क ले सकता है।
– आपातकालीन मामलों में टेली-परामर्श का उपयोग प्राथमिक चिकित्सा और परामर्श प्रदान करने के लिए किया जा सकता है।
– यदि रोगी यात्रा करने के लिए तैयार है या व्यक्तिगत परामर्श का अनुरोध करता है डॉक्टर टेली-परामर्श के लिए जोर नहीं दे सकता।
– डॉक्टर टेली-मेडिसिन के लिए विज्ञापनों या अन्य तरीकों से लुभा नहीं सकता।
– टेलीमेडिसिन परामर्श गुमनाम नहीं हो सकता। रोगी और डॉक्टर दोनों को एक दूसरे की पहचान पता होनी चाहिए।
– डॉक्टर को रोगी के रेकॉर्ड और रिपोर्ट समेत टेलीमेडिसिन का इंटरैक्शन लॉग या रेकॉर्ड को अनिवार्य रूप से .रखना होगा।
‘ज्यादा फीस वसूलने व शेड्यूल एक्स की दवाएं लिखने पर रोक
– डॉक्टर यह तय करेगा कि क्या टेली-परामर्श एक व्यवहारिक विकल्प है और यदि उसे जरूरत लगती है तो व्यक्तिगत रूप से परामर्श की सिफारिश कर सकता है।
– डॉक्टर यह भी तय करेगा कि इस तरह के परामर्श के लिए किस माध्यम या तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकता है। ऐसी सभी तकनीकों को भारतीय चिकित्सा परिषद द्वारा तय मानकों के अनुरूप होना चाहिए।
– डॉक्टर टेलीमेडिसिन के जरिए शेड्यूल एक्स की दवाएं नहीं लिख सकते।
– डॉक्टर टेलीपरमार्श के लिए व्यक्तिगत परमार्श से Óयादा शुल्क नहीं वसूल सकते, हालांकि वह इस सेवा की पेशकश के लिए अलग से शुल्क ले सकता है।
– आपातकालीन मामलों में टेली-परामर्श का उपयोग प्राथमिक चिकित्सा और परामर्श प्रदान करने के लिए किया जा सकता है।
– यदि रोगी यात्रा करने के लिए तैयार है या व्यक्तिगत परामर्श का अनुरोध करता है डॉक्टर टेली-परामर्श के लिए जोर नहीं दे सकता।
– डॉक्टर टेली-मेडिसिन के लिए विज्ञापनों या अन्य तरीकों से लुभा नहीं सकता।
– टेलीमेडिसिन परामर्श गुमनाम नहीं हो सकता। रोगी और डॉक्टर दोनों को एक दूसरे की पहचान पता होनी चाहिए।
– डॉक्टर को रोगी के रेकॉर्ड और रिपोर्ट समेत टेलीमेडिसिन का इंटरैक्शन लॉग या रेकॉर्ड को अनिवार्य रूप से .रखना होगा।
बीओजी ने तैयार की है गाइडलाइन
यह गाइडलाइन बोर्ड ऑफ गवर्नर्स (बीओजी) ने तैयार की है। नेशनल मेडिकल कमीशन बिल (एनएमसी) के लंबित होने के चलते बीओजी ने भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआइ) की शक्तियों और कार्यों को संभाल रखा है। एनएमसी बिल के जरिए काउंसिल को नए सिरे से गठित कर नई नियामक संस्था बनाई जानी है।
यह गाइडलाइन बोर्ड ऑफ गवर्नर्स (बीओजी) ने तैयार की है। नेशनल मेडिकल कमीशन बिल (एनएमसी) के लंबित होने के चलते बीओजी ने भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआइ) की शक्तियों और कार्यों को संभाल रखा है। एनएमसी बिल के जरिए काउंसिल को नए सिरे से गठित कर नई नियामक संस्था बनाई जानी है।