इस तरह चला पता
काफी प्रयास करने के बाद और लगातार विभिन्न चाईल्ड होम के सम्पर्क में रहने के बाद डीएमआरसी चाईल्ड होम नई दिल्ली से जानकारी मिली कि आप द्वारा भेजी गई फोटो से मिलता जुलता बच्चा हमारे चाईल्ड होम में हैं। जिस पर चाइल्ड होम वालों को परिजनों के मोबाइल नम्बर उपलब्ध करवाए गए।
18 मार्च को अनुसंधान अधिकारी ने लखनऊ में रहने वाले बालक के बारे में विधवा मां से टेलिफोन सम्पर्क कर जानकारी करवाई। व्हाट्सएप के जरिए बालक की फोटो मंगवाई गई और बालक की मां रेश्मा से सम्पर्क कर फोटो उसे देखाई तो रेशमा ने फोटो अपने बेटे सलीम की होना बताया। जिस पर डीएमआरसी चाईल्ड होम, नई दिल्ली से बालक को नियमानुसार प्राप्त कर परिजनों से मिलवाया गया। बालक की मां रेशमा ने बताया विधवा है और अपना जीवन यापन बड़ी मुश्किल से कर रही हैं। बेटे के गुम होने का दर्द वह बयां नही कर सकती और पुलिस के प्रयासों से उसे उसका बेटा मिल गया।
काफी प्रयास करने के बाद और लगातार विभिन्न चाईल्ड होम के सम्पर्क में रहने के बाद डीएमआरसी चाईल्ड होम नई दिल्ली से जानकारी मिली कि आप द्वारा भेजी गई फोटो से मिलता जुलता बच्चा हमारे चाईल्ड होम में हैं। जिस पर चाइल्ड होम वालों को परिजनों के मोबाइल नम्बर उपलब्ध करवाए गए।
18 मार्च को अनुसंधान अधिकारी ने लखनऊ में रहने वाले बालक के बारे में विधवा मां से टेलिफोन सम्पर्क कर जानकारी करवाई। व्हाट्सएप के जरिए बालक की फोटो मंगवाई गई और बालक की मां रेश्मा से सम्पर्क कर फोटो उसे देखाई तो रेशमा ने फोटो अपने बेटे सलीम की होना बताया। जिस पर डीएमआरसी चाईल्ड होम, नई दिल्ली से बालक को नियमानुसार प्राप्त कर परिजनों से मिलवाया गया। बालक की मां रेशमा ने बताया विधवा है और अपना जीवन यापन बड़ी मुश्किल से कर रही हैं। बेटे के गुम होने का दर्द वह बयां नही कर सकती और पुलिस के प्रयासों से उसे उसका बेटा मिल गया।
बोल नहीं सकता बेटा
पुलिस के मुताबिक बेटा मूकबधिर (दिव्यांग) हैं और वह बोल नहीं सकता। बेटे को देखकर मां रेशमा के आंखों में खुशी के आंसू थे वह पुलिसकर्मियों को धन्यवाद देते नहीं थक रही थी। पुलिस ने मां बेटे को मिठाई खिलाई और चौकी प्रभारी छगनलाल ने बालक को एक जोड़ी ड्रेस देकर खुशी खुशी विदा किया। पुलिसकर्मियों का कहना था कि इस तरह के काम से उन्हें ना केवल सुकुन मिलता है बल्कि और अच्छा काम करने की प्रेरणा मिलती हैं।
पुलिस के मुताबिक बेटा मूकबधिर (दिव्यांग) हैं और वह बोल नहीं सकता। बेटे को देखकर मां रेशमा के आंखों में खुशी के आंसू थे वह पुलिसकर्मियों को धन्यवाद देते नहीं थक रही थी। पुलिस ने मां बेटे को मिठाई खिलाई और चौकी प्रभारी छगनलाल ने बालक को एक जोड़ी ड्रेस देकर खुशी खुशी विदा किया। पुलिसकर्मियों का कहना था कि इस तरह के काम से उन्हें ना केवल सुकुन मिलता है बल्कि और अच्छा काम करने की प्रेरणा मिलती हैं।