अस्पताल में प्रशानिक जिम्मेदारी संभाल रहे डॉक्टर्स की मरीजों की परेशानी दूर करने के लिए 24 घंटे के लिए राउंड दी क्लॉक ड्यूटी तय की गई हैं। 14 डॉक्टर्स की कंट्रोल रुम में ड्यूटी लगाई गई है। यह कंट्रोल रुम दिन रात काम करेगा। अवकाश के दिन भी कंट्रोल रुम में प्रशासनिक जिम्मेदारी संभाल एक डॉक्टर की ड्यूटी लगातर रहेगी। जिससे की मरीजों व उनके परिजनों को राहत मिल सके।
एमएमएस के प्रिंसीपल व कंट्रोलर डॉ.सुधीर भंड़ारी ने अलग अलग आदेश जारी कर डॉक्टर्स और प्रशासकों की जिम्मेदारी तय कर दी हैं। आपको बता दे कि गुरुवार की रात को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एसएमएस अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में पहुंचे थे जहां पर मरीज के परिजनों ने बाहर सरकारी दवा व जांच योजना का लाभ उन्हें नहीं मिलने की शिकायत की थी।
एमएमएस के प्रिंसीपल व कंट्रोलर डॉ.सुधीर भंड़ारी ने अलग अलग आदेश जारी कर डॉक्टर्स और प्रशासकों की जिम्मेदारी तय कर दी हैं। आपको बता दे कि गुरुवार की रात को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एसएमएस अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में पहुंचे थे जहां पर मरीज के परिजनों ने बाहर सरकारी दवा व जांच योजना का लाभ उन्हें नहीं मिलने की शिकायत की थी।
इसके बाद शुक्रवार को चिकित्सा मंत्री प्रसादी लाल मीणा ने अस्पताल में प्रशासनिक अधिकारियों,डॉक्टर्स के साथ बैठक ली थी। बैठक में मिले निर्देशों पर प्रिसीपल ने देर रात बाद यह आदेश जारी किए है।
सीनियर डॉक्टर्स रहेंगे उपलब्ध
सीनियर डॉक्टर्स के द्वारा मरीजों को नहीं देखने और संभालने की शिकायत मिलने के बाद उनके लिए आदेश जारी हुए है। अब उन्हें ओपीडी में उपलब्ध रहने और रेफरेंस कॉल मिलने में तुरंत मरीज को डिपार्टमेंट में जाकर संभालने के निर्देश दिए गए है। ट्रॉमा सेंटर में विशेष रुप से आदेशों की पालना करने को कहा गया है।
सीनियर डॉक्टर्स के द्वारा मरीजों को नहीं देखने और संभालने की शिकायत मिलने के बाद उनके लिए आदेश जारी हुए है। अब उन्हें ओपीडी में उपलब्ध रहने और रेफरेंस कॉल मिलने में तुरंत मरीज को डिपार्टमेंट में जाकर संभालने के निर्देश दिए गए है। ट्रॉमा सेंटर में विशेष रुप से आदेशों की पालना करने को कहा गया है।
इन्हें मिली यह जिम्मेदारी
व्यवस्था सुधार के लिए दस चिकित्सकों को अलग-अलग जिम्मेदारियां दी गई है। इसमें डॉ. नरेंद्र सिंह चौहान को भूतल चिकित्सालय,डॉ.प्रदीप शर्मा को प्रथम मंजिल समस्त आईसीयू,डॉ. सिद्धार्थ को द्वितीय मंजिल,डॉ. गौरव शर्मा को तृतीय मंजिल,डॉ. राशिम कटारिया को बांगड़ की ,डॉ मोहनीश ग्रोवर को चरक भवन की, डॉ. नरेश मंगलहारा को धनवंतरी परिसर की ,डॉ. जगदीश मोदी को ट्रॉमा सेंटर की, डॉ. मोहित जैन को अस्पताल के अंदर व चारों तरफ व्यवस्था बनाए रखने का कार्य और डॉ. अनिल दुबे को समस्त निर्माण कार्य स्थल,आइपीडी टावर व इंस्टिट्यूट ऑफ कार्डियोवैस्कुलर साइंसेज की जिम्मेदारी दी गई है।
जिम्मेदारों को अपने-अपने आवंटित स्थलों का दैनिक नियमित निरीक्षण कर सफाई व्यवस्था, सुरक्षा व्यवस्था, नर्सिंग केयर अन्य मैनपावर केयर, उपकरणों की उपलब्धता व मरीजों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं हो, इसके लिए दिशा निर्देशों की पालना करनी होगी। वहीं समस्त आचार्य एवं विभागाध्यक्ष चिकित्सालय प्रशासक से समन्वय कर मरीजों को होने वाली असुविधा दूर करनी होगी
व्यवस्था सुधार के लिए दस चिकित्सकों को अलग-अलग जिम्मेदारियां दी गई है। इसमें डॉ. नरेंद्र सिंह चौहान को भूतल चिकित्सालय,डॉ.प्रदीप शर्मा को प्रथम मंजिल समस्त आईसीयू,डॉ. सिद्धार्थ को द्वितीय मंजिल,डॉ. गौरव शर्मा को तृतीय मंजिल,डॉ. राशिम कटारिया को बांगड़ की ,डॉ मोहनीश ग्रोवर को चरक भवन की, डॉ. नरेश मंगलहारा को धनवंतरी परिसर की ,डॉ. जगदीश मोदी को ट्रॉमा सेंटर की, डॉ. मोहित जैन को अस्पताल के अंदर व चारों तरफ व्यवस्था बनाए रखने का कार्य और डॉ. अनिल दुबे को समस्त निर्माण कार्य स्थल,आइपीडी टावर व इंस्टिट्यूट ऑफ कार्डियोवैस्कुलर साइंसेज की जिम्मेदारी दी गई है।
जिम्मेदारों को अपने-अपने आवंटित स्थलों का दैनिक नियमित निरीक्षण कर सफाई व्यवस्था, सुरक्षा व्यवस्था, नर्सिंग केयर अन्य मैनपावर केयर, उपकरणों की उपलब्धता व मरीजों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं हो, इसके लिए दिशा निर्देशों की पालना करनी होगी। वहीं समस्त आचार्य एवं विभागाध्यक्ष चिकित्सालय प्रशासक से समन्वय कर मरीजों को होने वाली असुविधा दूर करनी होगी