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कहा गए आइस्क्रीम और सॉफ्ट ड्रिंक चाहने वाले

locationजयपुरPublished: Jun 22, 2020 03:02:16 pm

कोरोना वायरस ( Corona virus ) के होटल, रेस्तरां, कैंटीन, मॉल, सिनेमा हॉल आदि के बंद होने से आइस्क्रीम ( ice cream ) और सॉफ्ट ड्रिंक ( hotels, restaurants, canteens, malls, cinema halls ) की बिक्री में भारी गिरावट आई है, जिसका सीधा असर चीनी उद्योग ( sugar industry ) पर देखने को मिला है। हालांकि लॉकडाउन ( lockdown ) में छूट के बाद होटल, कैंटीन, ढाबा, रेस्तरां खुलने से चीनी की मांग में भी धीरे-धीरे बढ़ोतरी होने लगी है।

कहा गए आइस्क्रीम और सॉफ्ट ड्रिंक चाहने वाले

कहा गए आइस्क्रीम और सॉफ्ट ड्रिंक चाहने वाले

जयपुर। कोरोना वायरस के होटल, रेस्तरां, कैंटीन, मॉल, सिनेमा हॉल आदि के बंद होने से आइस्क्रीम और सॉफ्ट ड्रिंक की बिक्री में भारी गिरावट आई है, जिसका सीधा असर चीनी उद्योग पर देखने को मिला है। हालांकि लॉकडाउन में छूट के बाद होटल, कैंटीन, ढाबा, रेस्तरां खुलने से चीनी की मांग में भी धीरे-धीरे बढ़ोतरी होने लगी है। गर्मी का मौसम शुरू होने से पहले आइस्क्रीम, सॉफ्ट ड्रिंक व अन्य शीतल पेय पदार्थों के लिए चीनी की मांग हर साल बढ़ जाती है, लेकिन इस साल चीनी की गर्मी की वह मांग ठंडी पड़ गई, जिसके कारण घरेलू मिलें करीब 20 लाख टन चीनी नहीं बेच पाई। मतलब कोरोना ने चीनी की 20 लाख टन की खपत में चपत लगा दी।
जून में धीरे-धीरे चीनी की मांग जोर पकड़ रही है, जिससे कीमतों में भी सुधार हुआ है, जिससे नकदी के संकट से जूझ रही चीनी मिलों को कुछ राहत मिलेगी और किसानों के बकाये का भुगतान करने के साथ-साथ मिलों के कर्मचारियों का रूका वेतन देने में सहूलियत मिलेगी। लॉकडाउन होने के बाद मार्च, अप्रेल और मई के दौरान आइस्क्रीम, सॉफ्ट ड्रिंक, चॉकलेट, कैंटीन, रेस्तरां, शादियां आदि की जो मांग थी, वह तकरीबन 20 लाख टन नहीं निकल पाई। सरकार ने चीनी मिलों के लिए मार्च में 21 लाख टन अप्रेल में 18 लाख टन और मई में 17 लाख टन चीनी बेचने का कोटा तय किया, जो संबंधित महीने में नहीं बिकने के कारण अगले क्रमश:अगले महीने में कोटे को बढ़ा दिया गया।
चीनी कारोबारी ने भी बताया कि लॉकडाउन खुलने के बाद चीनी की मांग थोड़ी बढ़ी है, लेकिन अभी मांग पूरी तरह से जोर नहीं पकड़ पाई है। देशभर में गन्ना उत्पादक किसानों का चीनी मिलों पर बीते सप्ताह तक करीब 22,500 करोड़ रुपए बकाया था। इसमें सबसे ज्यादा 17,000 करोड़ रुपए का बकाया उत्तर प्रदेश के गन्ना उत्पादकों का था। चालू शुगर सीजन 2019-20 अक्टूबर से सितंबर में चीनी का उत्पादन बंद हो गया है। उद्योग संगठन के अनुसार, देश में इस साल चीनी का उत्पादन करीब 272 लाख टन है।
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