Nahargarh Biological Park में 7 दिन में तीसरे वन्य जीव की मौत, कैनाइन डिस्टेंपर के निशाने पर नाहरगढ़, दिल्ली से एक्सचेंज कार्यक्रम के तहत लाई गई थी सफेद बाघिन सीता ( White Tigress Sita Died )
राजस्थान की एकमात्र सफेद बाघिन की मौत, वनमंत्री बोले: क्या बताएं, जंगल है कुछ भी हो सकता है
देवेन्द्र सिंह राठौड़ / जयपुर। नाहरगढ़ जैविक उद्यान ( Nahargarh Biological Park ) में गुरुवार दोपहर राजस्थान ( Rajasthan ) की एकमात्र सफेद बाघिन सीता ( White Tigress Sita Died ) की मौत हो गई। नाहरगढ़ में सात दिन में यह तीसरे वन्य जीव की मौत है। वहीं वन राज्य मंत्री सुखराम विश्नोई ( Sukhram Bishnoi ) ने इस पर किसी की जिम्मेदारी तय करने की बजाय कहा कि क्या बताएं, जंगल है कुछ भी हो सकता है? कैसे मौत हो रही है।
नाहरगढ़ जैविक उद्यान में मृत हुई सफेद बाघिन सीता का पोस्टमार्टम शुक्रवार को होगा। उसके लिए बरेली स्थित आइवीआरआई से टीम रवाना हो गई है। पूरी जांच पड़ताल के बाद टीम उसका पोस्टमार्टम करेगी। 14 वर्ष से अधिक आयु की इस सफेद बाघिन को 2013 में दिल्ली चिडिय़ाघर से एक्सचेंज कार्यक्रम के तहत लाया गया था।
गौरतलब है कि पिछले 7 दिन के दौरान शेरनी सुजैन और बाघिन रंभा के मादा शावक की मौत हो चुकी है। जब मंत्री सुखराम से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, मामला जानकारी में है। काफी गंभीर विषय है। जंगल है, क्या बताए? कैसे मौत हो रही है। उन्होेंने कहा कि जांच के आदेश दिए है। उचित कारवाई करेंगे। उच्च अधिकारी देख रहे हैं। वहीं नाहगरढ़ में वन्य जीवों की लगातार मौत के बावजूद वन विभाग लीपापोती में लगा हुआ है। अब तक किसी अधिकारी पर कार्रवाई तो दूर उसकी जिम्मेदारी तक तय नहीं की गई है।
इसलिए खास देशभर में सफेद बाघों की संख्या काफी कम है। इसकी प्रजाति को दुर्लभ माना जाता है। ऐसा मत है कि, यह केवल भारत में ही पाए जाते है। एक लाख बाघ में एक ही सफेद बाघ पैदा होता है। सफेद बाघिन की मौत के बाद अब नाहरगढ़ में सफेद बाघ मौजूद है।
टाइगर सफारी पर संकट बाघिन रंभा के दोनों शावकों को लेकर वन विभाग ने टाइगर सफारी शुरू करने की तैयारी में था। इसके लिए केंद्रीय चिडिय़ाघर प्राधिकरण को भी फाइल भेज चुके थे। केवल स्वीकृति का इंतजार था। अब जानवरों की मौत के टाइगर सफारी पर भी सकंट के बादल छा गए है।