गौरतलब है कि गत 8 जुलाई को एसीबी ने आयोगकनिष्ठ लेखाकार (हाल निलंबित) सज्जनसिंह गुर्जर को 23 लाख रुपए की रिश्वत राशि के साथ ट्रेप किया था। बाद में बांदीकुई के टोल सुपरवाइजर नरेंद्र पोसवाल को गिरफ्तार किया गया। इसमें आयोग सदस्य राजकुमारी गुर्जर के पति रिटायर्ड आईपीएस भैरोसिंह गुर्जर और आरोपियों की नजदीकियां भी सामने आई। एसीबी ने गुरुवार को ही भैरोसिंह से पूछताछ भी की है।
टटोल रहे एक-दूसरे को रिश्वतकांड, साक्षात्कार में 80-80 अंक आने और कुछ व्हाट्सएप चैट की चर्चा चलने के बाद आयोग सदस्यों में खलबली मची हुई है। सदस्य एक-दूसरे की टोह लेने में जुटे हैं। एसीबी की कार्रवाई, व्हाट्सएप चैट में सांकेतिक कोड में बातचीत को लेकर आपस में चर्चा करने में जुटे हैं।
वरना सदस्य होते ट्रेप….
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि एसीबी की रडार पर गुर्जर-पोसवाल सहित एक-दो सदस्य भी थे। संभवत: भनक लगने अथवा ऐनमौके पर खुद को दूर करने से वह ट्रेप होते-होते बच गए। फिलहाल एसीबी परिवादी और अभ्यर्थियों की शिकायतों के परीक्षण में जुटी है।
पूर्व मंत्री ने जताई थी नाराजगी सदस्यों की पिछले साल नियुक्तियों को लेकर बेहद चौंकाने वाली बात सामने आई है। नाम नहीं छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि गहलोत सरकार के एक पूर्व मंत्री के समक्ष राज्य के किसी भी आयोग में नियुक्ति को लेकर एक-दो लोगों के नाम पहुंचे थे। उन्होंने संबंधित नामों पर असहमति और नाराजगी जताते हुए साफ इन्कार कर दिया था।
2022 में चले जाएंगे तीन सदस्य भाजपा राज में नियुक्त डॉ. शिवसिंह राठौड़, राजकुमारी गुर्जर और डॉ. रामूराम राइका का कार्यकाल 2022 में समाप्त हो जाएगा डॉ. राठौड़ का कार्यकाल 30 जनवरी 2022, गुर्जर का कार्यकाल 7 फरवरी और राइका का कार्यकाल 5 जुलाई 2022 को खत्म होगा। इसके बाद आयोग में कांग्रेस राज में नियुक्त डॉ. संगीता आर्य, डॉ. जसवंत राठी, डॉ. मंजू शर्मा और बाबूलाल कटारा ही सदस्य रहेंगे। सरकार को तीन नए सदस्यों की नियुक्ति करनी होगी।
और नाम सामने आ सकते हैं… शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा की पुत्रवधू के भाई-बहन को साक्षात्कार में 80-80 अंक मिलने के बाद उठे विवाद के बाद जांच का दायरा विस्तृत हो सकता है। अधिकृत सूत्रों के अनुसार एसीबी 11 जून से सज्जन सिंह, नरेंद्र पोसवाल और अन्य लोगों पर बराबर नजरें रखी हुई थीं। डील के अनुसार साक्षात्कार में मनमाफिक नम्बर दिलाने के दावे किए गए थे। एसीबी को भी कई अभ्यर्थियों और परिवादियों से शिकायतें मिलनी जारी है। इससे कई और नाम सामने आ सकते हैं।