रायशुमारी में एक-एक विधायक से अलग-अलग पर्यवेक्षक और प्रदेश प्रभारी ने वार्ता की। इस दौरान विधायक विश्वेन्द्र सिंह खफा हो गए और कह दिया कि जब आलाकमान को ही मुख्यमंत्री का नाम तय करना है तो फर एक-एक विधायक से राय क्यों ली जा रही है। वापस आने की बोल कर विश्वेन्द्र सिंह बैठक छोड़ कर चले गए।
दिनभर चली राय शुमारी के बाद शाम को पुन: बैठक हुई। इसमें मुख्यमंत्री के नाम का एलान किए जाने की उम्मीद थी। करीब एक घंटे चली इस दौरान के दौरान बीच में एक-दो बार दिल्ली भी फोन पर पर्यवेक्षक ने वार्ता की। लेकिन मुख्यमंत्री के नाम को लेकर कोई निर्णय नहीं हो सका। इसके बाद सरकार बनाने का दावा राजभवन में पेश कर राहुल पर यह निर्णय छोड़ दिया गया। इसके बाद राजभवन में दावा पेश कर पायलट, गहलोत, वेणुगोपाल और पाण्डे रात को ही दिल्ली रवाना हो गए।