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संकट की इस घड़ी में राजनीति से परे एकजुटता की मिसाल पेश करे पूरा मुल्क – सीएम गहलोत

locationजयपुरPublished: Apr 23, 2021 07:39:31 pm

Submitted by:

Ashish

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि देश में कोरोना संक्रमण की स्थिति लगातार भयावह होती जा रही है। तमाम कोशिशों के बावजूद राज्यों से संसाधनों की कमी की शिकायतें आ रही हैं। संकट की इस घड़ी में राजनीति से परे होकर पूरा मुल्क एकजुटता की मिसाल पेश करे।

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जयपुर
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि देश में कोरोना संक्रमण की स्थिति लगातार भयावह होती जा रही है। तमाम कोशिशों के बावजूद राज्यों से संसाधनों की कमी की शिकायतें आ रही हैं। संकट की इस घड़ी में राजनीति से परे होकर पूरा मुल्क एकजुटता की मिसाल पेश करे। उन्होंने कहा कि कोविड के बेहतर प्रबंधन के लिए केंद्र सरकार जीवन रक्षा को सर्वोपरि रखते हुए ऑक्सीजन, दवाओं एवं अन्य संसाधनों की योजनाबद्ध एवं न्यायसंगत आपूर्ति सुनिश्चित करे। गहलोत ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ कोविड प्रबंधन को लेकर आयोजित बैठक में कहा कि कोविड की वर्तमान परिस्थितियों में कई हृदयविदारक दृश्य देखने को मिल रहे हैं। ऐसे में आमजन का आत्मविश्वास बढ़ाने की जरूरत है। ऐसे प्रयास किए जाएं कि ऑक्सीजन एवं दवाओं की कमी से किसी व्यक्ति की जान न जाए। सभी राज्यों को एक्टिव केसेज के आधार पर ऑक्सीजन एवं रेमडेसिविर दवा का आवंटन किया जाना चाहिए।

एक्टिव केस देख मिले आॅक्सीजन, इंजेक्शन
गहलोत ने कहा कि राजस्थान को 21 अप्रेल को तात्कालिक आवंटन में मात्र 26 हजार 500 रेमडेसिविर इंजेक्शन आवंटित किए गए, जबकि गुजरात एवं मध्यप्रदेश को राजस्थान से कम एक्टिव केसेज होने के बावजूद क्रमशः 1 लाख 63 हजार तथा 92 हजार 200 रेमडेसिविर इंजेक्शन आवंटित किए गए। इसी प्रकार ऑक्सीजन के आवंटन में भी एक्टिव केसेज के अनुपात का ध्यान नहीं रखा गया। उन्होंने कहा कि भविष्य में इनकी आपूर्ति तर्कसंगत तरीके से हो ताकि किसी भी राज्य को कोविड रोगियों के उपचार को लेकर परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।

किट की हो पर्याप्त उपलब्धता
गहलोत ने कहा कि कोविड रोगियों के उपचार के दौरान की जाने वाली सहायक जांचें यथा आईएल-6, डी-डाइमर, फेरिटिन टेस्ट आदि की किट की भी धीरे-धीरे कमी होने लगी है। केंद्र सरकार इन किट्स की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने की दिशा में भी योजना बनाए, ताकि समय रहते राज्यों को इनकी सुचारू आपूर्ति हो सके।


सभी का फ्री वैक्सीनेशन किया जाए

गहलोत ने कहा कि 18 वर्ष से अधिक के लोगों का भी कंेद्र सरकार निःशुल्क टीकाकरण करवाया जाए। केंद्र सरकार को 60 वर्ष, 45 वर्ष एवं अब 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लिए एक ही नीति अपनानी चाहिए। राज्यों में सभी आयु वर्ग के लोगों को एक ही मेडिकल स्टाफ वैक्सीन लगाएगा। यह उचित नहीं होगा कि युवाओं से पैसे लिए जाएं और बाकी को निःशुल्क वैक्सीन लगाई जाए।भारत सरकार ने मुफ्त वैक्सीन के लिए बजट में 35 हजार करोड़ रूपए का प्रावधान भी किया है, इसे देखते हुए राज्यों ने बजट में ऐसा कोई प्रावधान नहीं रखा है।

फ्री वैक्सीन मिले, नहीं करनी पड़ेगी कटौती
गहलोत ने कहा कि केन्द्र की ओर से फ्री वैक्सीन उपलब्ध नहीं करवाने पर अब अगर राज्यों को वैक्सीन का वित्तीय भार वहन करना पड़ता है तो उन्हें सामाजिक सुरक्षा और विकास कार्यों के लिए निर्धारित बजट में कटौती करनी पडे़गी। एक ही देश में वैक्सीन की अलग-अलग दरें भी उचित नहीं हैं। केंद्र को निशुल्क वैक्सीन उपलब्ध करवानी चाहिए। वीसी में गहलोत ने राज्य में कोविड की रोकथाम के लिए जारी प्रयासों की जानकारी भी दी।

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