script….आखिर क्यों बीच में ही पढ़ाई छोड़ने को मजबूर है बेटियां | Why are girls forced to leave studies in the middle? | Patrika News

….आखिर क्यों बीच में ही पढ़ाई छोड़ने को मजबूर है बेटियां

locationजयपुरPublished: Jun 05, 2018 12:26:47 pm

Submitted by:

Teena Bairagi

—छात्रावास नहीं होने से गांव—ढाणी की बेटियां बीच में ही छोड़ देती है पढ़ाई

Third Grade Teacher's Transfer

Third Grade Teacher’s Transfer

….आखिर क्यों बीच में ही पढ़ाई छोड़ने को मजबूर है बेटियां
—छात्रावास नहीं होने से गांव—ढाणी की बेटियां बीच में ही छोड़ देती है पढ़ाई
—केंद्र सरकार ने राज्य से मांगे प्रस्ताव
—संभागीय स्तर पर एजुकेशनल हब वाले जिले में खुलना है छात्रावास
जयपुर
केंद्र सरकार ने प्रदेश सरकार से छात्रावास खोलने के संबंध में प्रस्ताव मांगे है। ये छात्रावास छात्र एवं छात्राओं के लिए खोले जाना है। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने राज्य में एजुकेशनल हब के रुप में पहचान बनाने वाले उन जिलों में ये छात्रावास खोलने के लिए कहा है।
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार ने अनुसूचित जाती, जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्र—छात्राओं के लिए संभागीय स्तर पर छात्रावास खोलने के लिए प्रस्ताव मांगे है। इसका मकसद है इस श्रेणी के बच्चों को पढ़ाई के लिए बेहतर माहौल मिल सके। और उन्हें पढ़ाई के लिए रहने व खाने की चिंता नहीं सताए। ताकि वे उच्च शिक्षा प्राप्त कर सके। उल्लेखनीय है कि हाल ही में केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत ने राज्य में चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की थी और अन्य राज्यों की तुलना में किए जा रहे कार्यो की तुलना में यहां के कार्य की सराहना की थी।
छात्रावास नहीं होने से बेटियों ने छोड़ दी पढ़ाई—
गांव—ढाणियों में रहने वाली बेटियों के लिए छात्रावास की सुविधा बेहद मायने रखती है। अकसर विभाग के सामने ये बात उठती रही कि अधिकतर बेटियों ने सिर्फ इस वजह से उच्च शिक्षा नहीं ली क्योंकि शहर में जाकर उन्हें रहने के लिए सुरक्षित स्थान नहीं मिला। कमरा लेकर रहना भी उनके लिए संभव नहीं था। ऐसे में अब सरकार की ओर से छात्रावास की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है तो बेटियां निश्चिंत होकर अपनी पढ़ाई पूरी कर सकेंगी।
विभाग की प्रमुख योजनाओं में शामिल है छात्रावास स्कीम—
विभाग की मानें तो सरकार की ओर से पालनहार योजना, वृद्धावस्था एवं विधवा पेंशन, छात्रवृत्ति और अनुप्रति जैसी योजनाएं चलाई जा रही है। इनमें छात्रावास योजना का बेहद महत्व है। वर्तमान में 700 से अधिक छात्रावास पूरे प्रदेश में चलाए जा रहे है। कहीं पर 100 की क्षमता है तो कहीं दो सौ से ढाई सौ। इसे देखते हुए ही विभाग अब संभागीय स्तर पर छात्रावास खोलने की तैयारी में है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो