छात्रावास नहीं होने से बेटियों ने छोड़ दी पढ़ाई—
गांव—ढाणियों में रहने वाली बेटियों के लिए छात्रावास की सुविधा बेहद मायने रखती है। अकसर विभाग के सामने ये बात उठती रही कि अधिकतर बेटियों ने सिर्फ इस वजह से उच्च शिक्षा नहीं ली क्योंकि शहर में जाकर उन्हें रहने के लिए सुरक्षित स्थान नहीं मिला। कमरा लेकर रहना भी उनके लिए संभव नहीं था। ऐसे में अब सरकार की ओर से छात्रावास की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है तो बेटियां निश्चिंत होकर अपनी पढ़ाई पूरी कर सकेंगी।
गांव—ढाणियों में रहने वाली बेटियों के लिए छात्रावास की सुविधा बेहद मायने रखती है। अकसर विभाग के सामने ये बात उठती रही कि अधिकतर बेटियों ने सिर्फ इस वजह से उच्च शिक्षा नहीं ली क्योंकि शहर में जाकर उन्हें रहने के लिए सुरक्षित स्थान नहीं मिला। कमरा लेकर रहना भी उनके लिए संभव नहीं था। ऐसे में अब सरकार की ओर से छात्रावास की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है तो बेटियां निश्चिंत होकर अपनी पढ़ाई पूरी कर सकेंगी।
विभाग की प्रमुख योजनाओं में शामिल है छात्रावास स्कीम—
विभाग की मानें तो सरकार की ओर से पालनहार योजना, वृद्धावस्था एवं विधवा पेंशन, छात्रवृत्ति और अनुप्रति जैसी योजनाएं चलाई जा रही है। इनमें छात्रावास योजना का बेहद महत्व है। वर्तमान में 700 से अधिक छात्रावास पूरे प्रदेश में चलाए जा रहे है। कहीं पर 100 की क्षमता है तो कहीं दो सौ से ढाई सौ। इसे देखते हुए ही विभाग अब संभागीय स्तर पर छात्रावास खोलने की तैयारी में है।
विभाग की मानें तो सरकार की ओर से पालनहार योजना, वृद्धावस्था एवं विधवा पेंशन, छात्रवृत्ति और अनुप्रति जैसी योजनाएं चलाई जा रही है। इनमें छात्रावास योजना का बेहद महत्व है। वर्तमान में 700 से अधिक छात्रावास पूरे प्रदेश में चलाए जा रहे है। कहीं पर 100 की क्षमता है तो कहीं दो सौ से ढाई सौ। इसे देखते हुए ही विभाग अब संभागीय स्तर पर छात्रावास खोलने की तैयारी में है।