ये था प्रोजेक्ट का मकसद
जयपुर शहर में वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने और लोगों को सस्ती परिवहन सुविधा मुहैया करवाने के मकसद से स्मार्ट बाइसाइकिल शेयरिंग प्रोजेक्ट की परिकल्पना की गई। 25 जून 2016 का बिड़ला आॅडिटोरियम में आयोजित स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट उद्घाटन समारोह में दावा किया गया था कि 2 साल में साइकिल शेयरिंग प्रोजेक्ट को पूरा कर लिया जाएगा। लेकिन 3 साल बाद प्रोजेक्ट पूरा तो नहीं हुआ, अलबत्ता बंद होने के संकेत जरूर मिलने लगे हैं। नगरीय विकास मंत्री ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की समीक्षा में कहा कि साइकिल शेयरिंग प्रोजेक्ट का जनता से कोई सरोकार नहीं है। इस योजना के तहत उपलब्ध पैसे को जनहित के काम में लिया जाएगा।
जयपुर शहर में वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने और लोगों को सस्ती परिवहन सुविधा मुहैया करवाने के मकसद से स्मार्ट बाइसाइकिल शेयरिंग प्रोजेक्ट की परिकल्पना की गई। 25 जून 2016 का बिड़ला आॅडिटोरियम में आयोजित स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट उद्घाटन समारोह में दावा किया गया था कि 2 साल में साइकिल शेयरिंग प्रोजेक्ट को पूरा कर लिया जाएगा। लेकिन 3 साल बाद प्रोजेक्ट पूरा तो नहीं हुआ, अलबत्ता बंद होने के संकेत जरूर मिलने लगे हैं। नगरीय विकास मंत्री ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की समीक्षा में कहा कि साइकिल शेयरिंग प्रोजेक्ट का जनता से कोई सरोकार नहीं है। इस योजना के तहत उपलब्ध पैसे को जनहित के काम में लिया जाएगा।
ये है साइकिल शेयरिंग प्रोजेक्ट
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के मुताबिक 1 करोड़ 20 लाख रूपए की लागत से जयपुर में 20 जगहों पर स्मार्ट साइकिल स्टैंड बनने प्रस्तावित हैं। इनमें से जेएलएन रोड पर रामनिवास बाग गेट के पास और जवाहर सर्किल के पास स्मार्ट साइकिल स्टैंड बनाए जा चुके हैं। दिल्ली की फर्म ग्रीनोल्यूशन को रामनिवास बाग और जवाहर सर्किल के अलावा राजस्थान यूनिवर्सिटी, त्रिमूर्ति सर्किल, सेंट्रल पार्क, न्यू गेट, विधानसभा भवन, जयपुर नगर निगम मुख्यालय, मोती डूंगरी, जनता स्टोर, नारायण सिंह सर्किल, गोविंद मार्ग, राजपार्क, एसएमएस हॉस्पिटल, विवेकानंद मार्ग, सी—स्कीम, अजमेरी गेट, पांच बत्ती, गर्वमेंट हॉस्टल और अल्बर्ट हॉल के पास साइकिल स्टैंड बनाने हैं। स्मार्ट साइकिल स्टेशन पर लोगों को 10 रूपए प्रति घंटे किराए पर साइकिल उपलब्ध करवानी प्रस्तावित थी। साइकिल लेने के लिए यूजर को अपनी पहचान का दस्तावेज दिखाने और एक फार्म भरने की औपचारिकता पूरी करने का प्रावधान किया गया। यूजर किराए का भुगतान कैश, क्रेडिट, डेबिट या मोबिलिटी कार्ड से कर सकता है।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के मुताबिक 1 करोड़ 20 लाख रूपए की लागत से जयपुर में 20 जगहों पर स्मार्ट साइकिल स्टैंड बनने प्रस्तावित हैं। इनमें से जेएलएन रोड पर रामनिवास बाग गेट के पास और जवाहर सर्किल के पास स्मार्ट साइकिल स्टैंड बनाए जा चुके हैं। दिल्ली की फर्म ग्रीनोल्यूशन को रामनिवास बाग और जवाहर सर्किल के अलावा राजस्थान यूनिवर्सिटी, त्रिमूर्ति सर्किल, सेंट्रल पार्क, न्यू गेट, विधानसभा भवन, जयपुर नगर निगम मुख्यालय, मोती डूंगरी, जनता स्टोर, नारायण सिंह सर्किल, गोविंद मार्ग, राजपार्क, एसएमएस हॉस्पिटल, विवेकानंद मार्ग, सी—स्कीम, अजमेरी गेट, पांच बत्ती, गर्वमेंट हॉस्टल और अल्बर्ट हॉल के पास साइकिल स्टैंड बनाने हैं। स्मार्ट साइकिल स्टेशन पर लोगों को 10 रूपए प्रति घंटे किराए पर साइकिल उपलब्ध करवानी प्रस्तावित थी। साइकिल लेने के लिए यूजर को अपनी पहचान का दस्तावेज दिखाने और एक फार्म भरने की औपचारिकता पूरी करने का प्रावधान किया गया। यूजर किराए का भुगतान कैश, क्रेडिट, डेबिट या मोबिलिटी कार्ड से कर सकता है।
ग्रीन साइकिल पर भी रेड सिग्नल
जयपुर मेट्रो रेल कॉरपोरेशन भी मेट्रो यात्रियों के लिए ग्रीन साइकिल प्रोजेक्ट चला रहा है। जयपुर मेट्रो ने चांदपोल समेत चारदीवारी में 4 जगहों पर साइकिल स्टैंड बनाए हैं। लेकिन अब तक मेट्रो की ग्रीन साइकिल को भी लोगों से ठंडा रिस्पोंस ही मिला है। ऐसे में साइकिल प्रोजेक्ट को लेकर सरकार के रवैये को देखते हुए जयपुर मेट्रो की ग्रीन साइकिल योजना को भी रेड सिग्नल मिल सकता है। मौजूदा स्थिति को देखते हुए ग्रीन साइकिल चांदपोल मेट्रो स्टेशन को छोड़कर दूसरे स्टेशनों पर शायद ही नजर आए।
जयपुर मेट्रो रेल कॉरपोरेशन भी मेट्रो यात्रियों के लिए ग्रीन साइकिल प्रोजेक्ट चला रहा है। जयपुर मेट्रो ने चांदपोल समेत चारदीवारी में 4 जगहों पर साइकिल स्टैंड बनाए हैं। लेकिन अब तक मेट्रो की ग्रीन साइकिल को भी लोगों से ठंडा रिस्पोंस ही मिला है। ऐसे में साइकिल प्रोजेक्ट को लेकर सरकार के रवैये को देखते हुए जयपुर मेट्रो की ग्रीन साइकिल योजना को भी रेड सिग्नल मिल सकता है। मौजूदा स्थिति को देखते हुए ग्रीन साइकिल चांदपोल मेट्रो स्टेशन को छोड़कर दूसरे स्टेशनों पर शायद ही नजर आए।