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karva chauth special …लेकिन बेवफा निकले ये 27000 पति

locationजयपुरPublished: Oct 24, 2021 12:37:04 pm

Submitted by:

JAYANT SHARMA

27000 पतियों के खिलाफ परेशान करने के केस दर्ज

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Karva Chauth Vrat Katha : पति की लम्बी आयु के लिए पत्नी करती है कठिन तपस्या, करवा चौथ व्रत कथा पढकऱ बढ़ जाएगा आपकी नजरों में महिलाओं का दर्जा

जयपुर
आज Karva Chauth है यानि पति की लंबी उम्र के लिए विशेष दिन। पत्नियां आज पूरे दिन व्रत रखेंगी और रात को चांद देखकर पति का आर्शीवाद लेने के बाद ही भोजन लेंगी। लेकिन Rajasthan में ऐसे भी बेवफा पति हैं जिनको अपनी पत्नियों का यह कठिन व्रत नहीं दिखा। पतियों के अत्याचार के आगे उनकी एक नहीं चली और 21 महीने के दौरान 831 विवाहिताओं की मौत हो गई। पति के खिलाफ Dowry Death और अन्य गंभीर धाराओं में अब केस दर्ज किए गए हैं। यह संख्या तो सिर्फ पिछले साल जनवरी से इस साल सितंबर भर तक की है। पत्नियों पर अत्याचार के केसेज की बात करें तो इन 21 महीनों के दौरान करीब 27 हजार पतियों के खिलाफ केस दर्ज किए जा चुके हैं।
दहेज हत्या की धाराओं में 800 से ज्यादा केस दर्ज, सिर्फ 21 महीनों में
प्रदेश भर में आईपीसी सेक्शन 304 ए और बी में पिछले साल जनवरी से लेकर इस साल सितंबर तक 831 केस दर्ज हो चुके हैं। इनमें जयपुर में सबसे ज्यादा संख्या में केस हैं। महिला थानों से जुड़ी एक महिला इंस्पेक्टर ने बताया कि शादी के सात साल के दौरान अगर किसी विवाहिता की मौत परेशान करने के कारण होती है तो सेक्शन 304 में यह केस दर्ज होता है। इस मामले में आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती हैं। 831 केस में विवाहिताओं के पति और उनके ससुराल पक्ष के खिलाफ दर्ज हुए हैं। दहेज हत्या के मामले में राजस्थान देश में टॉप पांच राज्यों में शामिल हो चुका है और हर साल यह संख्या तेजी से बढ़ रही है। एनसीआरबी के अनुसार सबसे ज्यादा केस पिछले साल यूपी में 2274, बिहार में 1064, एमपी में 608 और वेस्ट बंगाल में 522 दर्ज हुए हैं। देश के 28 राज्यों में राजस्थान पांचवें नंबर पर है।
27000 पतियों के खिलाफ परेशान करने के केस दर्ज
पिछले साल जनवरी से इस साल सितंबर तक 26988 पतियों के खिलाफ अपनी पत्नियों को परेशान करने और उत्पीडन करने के केस प्रदेश के थानों में दर्ज हुए हैं। कोरोना काल में इनकी संख्या पिछले सालों की तुलना में और ज्यादा बढ़ी है। पिछले साल बारह महीनों के दौरान 13 हजार 765 केस दर्ज हुए थे और इस साल शुरुआती नौ महीनों के दौरान 13 हजार 213 केस दर्ज हो चुके हैं। सबसे ज्यादा मामले दहेज के लिए परेशान करने और ससुराल से रुपए मंागने के सामने आए हैं। अन्य केसेज की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। बड़ी बात यह है कि एनसीआरबी के अनुसार देश के 28 राज्यों में पत्नियों को किसी न किसी कारण से परेशान करने के मामले में प्रदेश के पति तीसरे नंबर पर है। पिछले साल वेस्ट बंगाला में 19 हजार 966, यूपी में 14 हजार 535 केस दर्ज हुए हैं। तीसरे नंबर पर राजस्थान है। पत्नियों को परेशान करने के केसेज अधिकतर आईपीसी सेक्शन 498 में दर्ज किए जाते हैं।
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