आखिर क्यूं मजबूर हुआ बाल आयोग स्कूलों का 'औचक निरीक्षण' करने को
अभी आयोग के पास 7 प्राइवेट स्कूलों के मामलों में चल रही है सुनवाई

—जुलाई में स्कूल खुलने के बाद आयोग की टीम जुटेगी इस काम में
जयपुर
स्कूलों में बच्चों के साथ होने वाले बुरे बर्ताव व शोषण जैसी शिकायतें अब बाहर आने लगी है। जिसे बाल संरक्षण आयोग ने बेहद गंभीरता से लिया है। आयोग ने बच्चे की मन:स्थिति को समझने और स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई का फैसला करते हुए स्कूलों का औचक निरीक्षण करने का निर्णय लिया है। आयोग के पास यूं तो प्रदेश के अलग—अलग हिस्सों से बच्चों से जुड़े मामलों की शिकायतें मिलती रही है लेकिन स्कूलों के खिलाफ शिकायतें बढ़ने पर आयोग ने चिंता जाहिर की है।
अब आयोग की अध्यक्ष व सदस्य कभी भी किसी भी स्कूल में जाकर बच्चे से पूछताछ कर सकते है। इतना ही नहीं यदि इस दौरान किसी बच्चे ने स्कूल प्रशासन व टीचर पर बुरे व्यवहार, अश्लील हरकत या अन्य किसी तरह के शोषण की बात बताई तो हाथों हाथ उस बच्चे के बयान पर कार्रवाई भी होगी। आयोग की मानें तो अब तक 7 स्कूलों के खिलाफ शिकायतें दर्ज हुई है। जो सीधे तौर पर आयोग के पास पहुंची है। ये सभी शिकायतें प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ है। इसे किसी भी सूरत में नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है। बच्चों व उनके पेरेंट्स ने जिस तरीके से शिकायतें दी है उसे देखकर अब स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर भी कई सवाल खड़े हो रहे है। बच्चे स्कूलों में सुरक्षित रह सके इसी मंशा से अब औचक निरीक्षण किया जाएगा। ताकि स्कूल वालों पर निगरानी हो सकेगी और वे बच्चों के साथ किसी भी तरह की गलत सोच रखने से पहले सोचेंगे।
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इनका कहना है—
—जुलाई में स्कूल खुलेंगे। इसी के साथ औचक निरीक्षण का काम भी बाल आयोग की टीम द्वारा किया जाएगा। बच्चों की देखभाल व सुरक्षा के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। जिस तरह आयोग में प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ शिकायतें पहुंच रही है उसे किसी भी सूरत में नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है।
मनन चतुर्वेदी, अध्यक्ष
बाल आयोग
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